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खजुराहो: पिता के बनाए खिलौने बेच रही नन्ही प्रियंका, दीपावली से है खास उम्मीद - नोने लाल प्रजापति

खजुराहो से कुछ किलोमीटर की दूरी पर खजुवा गांव में रहने वाली 9 साल की नन्ही प्रियंका को इस साल दीपावली में अच्छी ब्रिकी होने की उम्मीद है. नन्ही प्रियंका हर रोज जिद करके कुछ खिलौने चतुर्भुज मंदिर के बाहर बेचने बैठ जाती है, जिससे जो भी पैसे मिलते हैं, उसी से उनका परिवार चलता है. पढ़ें पूरी ख़बर...

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खिलौने बेच रही नन्ही प्रियंका

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Published : Oct 13, 2020, 6:12 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 11:44 AM IST

छतरपुर। कहते हैं कला किसी पहचान की मोहताज नहीं होती. किसी अच्छे काम के लिए अपनी कलाओं से लोगों को प्रेरित करना, अपने आप में एक विशेष पहचान देता है. खजुराहों से महज कुछ किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव खजुवा में रहने वाले नोने लाल प्रजापति मिट्टी की सुंदर कलाकृतियां बनाते है. जिनकी 9 साल की बेटी प्रियंका अपने पिता का बखूबी हाथ बंटा रही है.

पिता के बनाए खिलौने बेच रही नन्ही प्रियंका

महज 9 साल की नन्ही प्रियंका अपने पिता के बनाए गए मिट्टी के खिलौने को बेचने के लिए हर रोज चतुर्भुज मंदिर के बाहर बैठे रहती है. जहां खिलौने बिकने से जो पैसे आते है, उससे ही उसके परिवार का भरण पोषण होता है.

नन्ही प्रियंका ने ईटीवी भारत से की बात

नन्ही प्रियंका को मंदिर के बाहर कुछ मिट्टी के खिलौने बेचता देख, जब ईटीवी भारत की टीम ने उससे बात करनी चाही, तो नन्ही प्रियंका जिद करके अपने घर ले गई, जहां उसने बताया कि उसके पिता टेराकोटा के एक बेहतरीन कारीगर हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उनका व्यवसाय लगभग बंद सा हो गया है.

अनलॉक के बाद भी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष

कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने कई लोगों को न सिर्फ मुसीबत में डाला है, बल्कि कई ऐसे लोग अनलॉक होने के बाद भी अपने रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, विश्व पर्यटन स्थल खजुराहों से महज कुछ किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव खजुवा में रहने वाला एक प्रजापति परिवार इस समय अपनी रोजी रोटी के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है.

नन्ही प्रियंका बेचती है खिलौने

अनलॉक होने के बाद भी गांव में रहने वाले नोने लाल प्रजापति का मिट्टी के खिलौने बनाकर बेचने का व्यवसाय लगभग ठप सा हो गया है. नोने लाल प्रजापति ने बताया कि पिछले कई महीनों से आमदनी नहीं हुई है. ऐसे में उनकी बेटी प्रियंका जिद करके मिट्टी के कुछ खिलौने ले जाकर चतुर्भुज मंदिर के बाहर बेचती है, जिसे बेचकर जो पैसे मिलते हैं, उसी से घर परिवार का भरण पोषण हो रहा है.

दीपावली से है खास उम्मीद

आगामी त्योहार दीपावली को लेकर नोनेलाल प्रजापति ने कहा कि उनके बनाए स्वदेशी दीपक और खिलौने बिक जाएंगे, जिससे अच्छी कमाई की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भले ही दीपावली में चाइना से आने वाले दीपों का दबदबा रहता हो, लेकिन इस बार उन्होंने ऐसे दीपक बनाए हैं, जिससे बाकी दीयों को कोई पूछेगा भी नहीं. इस दीपावली उन्हें उम्मीद है कि उनकी दिवाली खुशियों वाली होगी.

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नोनेलाल टेराकोटा के एक अच्छे कलाकार हैं, उनकी इस कलाकृतियों को बनाने में उनकी पत्नी और उनकी 9 साल की बेटी भी मदद करती है. टेराकोटा की ये सुंदर कलाकृतियां जब कभी नहीं बिकती है, तो उन्हें दूसरों के यहां जाकर मजदूरी भी करनी पड़ती है. जिससे किसी तरह उनके परिवार का भरण पोषण हो जाता है.

कोरोना वायरस के चलते करीब 6 महीने से बंद हो चुके व्यवसाय से निराश कारीगर नोनी लाल और उनके जैसे अन्य कारीगरों को अब दीपावली से खास उम्मीद है कि इस बार देसी दीपक की धूम रहेगी, और उनका परिवार भी खुशियों वाली दीपावली मना पाएगा.

Last Updated : Oct 15, 2020, 11:44 AM IST

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