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खजुराहो महोत्सव का आगाज: 44 साल बाद मंदिर परिसर में समारोह - Kandariya Mahadev Temple

आज से 47वां खजुराहो नृत्य समारोह का आगाज हो गया है, जो 20 से 26 फरवरी तक आयोजित किया जायेगा. 44 वर्षों में पहली बार ये आयोजन कंदरिया महादेव मंदिर के स्थान पर पश्चिमी मंदिर समूह के परिसर में होगा.

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खजुराहो नृत्य समारोह

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Published : Feb 20, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Feb 20, 2021, 11:40 AM IST

छतरपुर। 44 वर्षों में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित सांस्कृतिक कार्यक्रम खजुराहो नृत्य महोत्सव विश्व धरोहर मंदिर समूह के परिसर में ही आयोजित किया जाएगा, जिसमें मध्य प्रदेश पर्यटन और संस्कृति विभाग इस उद्देश्य के लिए लंबे समय से तैयार प्रयासों के बाद अनुमति प्राप्त करने का प्रबंधन करेगा.

47वां खजुराहो नृत्य समारोह का आज से आगाज होने वाला है. इस बार इस कार्यक्रम का आयोजन कंदरिया महादेव मंदिर के स्थान पर पश्चिमी मंदिर के अंदर होगा. 7 दिवसीय नृत्य समारोह में कलाकार मंदिर के प्लेटफार्म पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.

20 से 26 फरवरी तक चलेगा नृत्य समारोह

खजुराहो में 20 से 26 फरवरी तक 47वां खजुराहो नृत्य समारोह इस बार कंदरिया महादेव मंदिर के स्थान पर पश्चिमी मंदिर समूह के अंदर होगा. अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान हर दिन मध्य प्रदेश पर्यटन की साहसिक गतिविधियां भी होगी. इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर नेपथ्य, कलावार्ता, आर्ट मार्ट, ललित कला प्रदर्शनी, चल चित्र और लोकोत्सव भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. यहां कला परंपरा का मेला 'हुनर', टेराकोटा प्रदर्शनी 'समष्टि' और बुंदेली व्यंजनों का मेला 'स्वाद' भी लगाया जाएगा.

खजुराहो महोत्सव

दर्शकों के लिए रोचक व्यवस्था

मध्य प्रदेश पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव शेओ शेखर शुक्ला ने बताया कि अब तक खजुराहो नृत्य समारोह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित होती थी, लेकिन इस वर्ष यह पर्यटन, व्यंजन और प्रकृति के बारे में भी है. उन्होंने कहा कि इस मौके पर कुछ रोचक गतिविधियां दर्शकों के लिए उपलब्ध कराई जायेगी.

आज से 47वें खजुराहो नृत्य समारोह का आगाज

एक बार फिर मंदिर परिसर में आयोजित होगा

वहीं उन्होंने कहा कि ये महोत्सव विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के परिसर में 1975 में शुरू हुआ था, मगर कुछ वर्षों बाद ही इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, इसे पास के ही खुले मैदान में शिफ्ट कर दिया गया. अब एक बार फिर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रयास से इसे मंदिर परिसर में आयोजित किया जायेगा.

व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान दर्शकों को रीति-रिवाज, कला और व्यंजनों के स्वाद के साथ-साथ धरोहर यात्रा जैसी दिलचस्प गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा.

Last Updated : Feb 20, 2021, 11:40 AM IST

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