छतरपुर। बिजावर विकासखंड के देवरा में गोंड़ राजाओं के समय में बनाया गया किला पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. यह किला पुरातत्व विभाग के संरक्षण में भी आता है. लेकिन सरकार और पुरातत्व विभाग इसके संरक्षण के लिए किसी तरह के कोई इंतजाम नहीं कर रहा.
प्रशासन की अनदेखी की भेंट चढ़ रहा गोंड़ राजाओं का किला, पुरातत्व विभाग नहीं दे रहा ध्यान
छतरपुर जिले के देवरा में बना गोंड़ राजाओं का किला संरक्षण के अभाव में खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. जिस पर पुरातत्व विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
पुरात्तव विभाग ने नाम मात्र के लिए बस अपने नाम का बोर्ड लगवा दिया है. दो कर्मचारी भी रखे है, पर वो कभी- कभी ही दिखाई देते हैं. देवरा का किला बिजावर से 18 किलोमीटर दूर है, जिसे आठ सौ साल पहले गोड़ राजाओ ने बनवाया था. किला कुल पांच किलोमीटर के इलाके मे बना हुआ है. एक जमाने में राजदरबारियों से भरा यह किला आज राष्ट्रीय धरोहर और जिले कि शान है लेकिन संरक्षण के अभाव में यह अपने अस्तिव को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है.
स्थानीय लोगो ने बताया कि उन्होंने अपने पूर्वजो से सुना है कि इस महल में अकूट धन-संपदा दफन है, जिसको निकालने के लिए कई तांत्रिक किले के आस-पास भटकते रहते थे. जिस ने भी धन की लालच में खोदने की कोशिश की उसे अचानक सर्प दिखाई देता था या अजीब-अजीब आवाजे सुनाई देने लगती थी. खेर यह सब बाते सही हो या न हो लेकिन किले का संरक्षण न होने से यह धरोहर खत्म हो सकती है.