छतरपुर। पर्यावरण को बचाने के लिए हमेशा ही लोग तरह-तरह के प्रयोग करते रहे हैं. देश में कई सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं पर्यावरण के लिए काम कर रही हैं ऐसे में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की लवकुशनगर ( तहसील के छोटे से गांव मुड़ेरी में रहने वाले ग्रामीणों ने पर्यावरण को बचाने के लिए राम नाम (chatarpur initiative to save mountains) का एक अनोखा प्रयोग किया, जो ना सिर्फ सफल रहा. बल्कि अब उस का जिम्मा गांव की युवा पीढ़ी उठा रही है.
चारों ओर पहाड़ से घिरा है मुंडेरी गांव
मुड़ेरी गांव पहाड़ से चारों ओर से घिरा हुआ है. गांव के लोग इस पहाड़ को नंदीश्वर पहाड़ कहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह बेहद प्राचीन पहाड़ है. इसमें कई तरह के औषधीय पेड़ (medicinal tree in chatarpur) लगे हैं. हजारों चट्टाने पहाड़ पर मौजूद हैं, लेकिन लगभग 20 साल पहले इसी पहाड़ में न सिर्फ गंदगी थी. बल्कि लोग लगातार पेड़ भी काट रहे थे.
पहाड़ से हो रहा था अवैध उत्खनन
यही नहीं पहाड़ पर मौजूद पत्थरों को उठाकर भी लोग अपने अपने घरों में उपयोग कर रहे थे. अवैध उत्खनन भी हो रहा था. पहाड़ को इस सब से बचाने के लिए गांव के लोगों ने पहाड़ की चट्टानों पर "राम नाम" लिखना शुरू कर दिया. धीरे धीरे पहाड़ सुरक्षित एवं स्वच्छ होने लगा.