छतरपुर। 'वक्त है बदलाव का' इस नारे ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस का वक्त तो बदल दिया, लेकिन प्रदेश का किसान आज भी बुरे वक्त के बदलने का इंतजार कर रहा है क्योंकि बिजली-पानी की किल्लत से आज भी प्रदेश का किसान जूझ रहा है. किसान फसलों की सिंचाई के लिए पूरी रात जाग रहे हैं, बिजली के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है. छतरपुर जिले के कर्री गांव के किसान बिजली कटौती से परेशान हैं.
शासन-प्रशासन की चक्की में पिस रहा किसान, दिन-रात कर रहा बिजली का इंतजार
छतरपुर में अन्नदाता बिजली की आपूर्ति के चलते चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं क्योंकि बिजली के आने-जाने का समय निर्धारित नहीं है, जिसके चलते उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
बिजली विभाग ने बिजली का शेड्यूल अब तक निर्धारित नहीं किया है, जिसकी वजह से किसानों को रात भर बिजली का इंतजार करना पड़ता है. कभी समय से पहले तो कभी समय गुजर जाने के बाद बिजली आती है, जिसके चलते किसान अपने दूसरे काम नहीं कर पाते हैं.
किसानों की मानें तो कड़कड़ाती सर्दी में भी बिजली का समय तय नहीं है, विभाग का जब मन होता है बिजली चालू कर देता है या काट देता है, जिसके चलते बिजली आते ही किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए खेत में जाना पड़ता है. बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए जो शेड्यूल निर्धारित किया है, हम उसी को फॉलो कर रहे हैं. उसी समय के हिसाब गांव में बिजली सप्लाई कर रहे हैं. सरकारी वादे झूठे हैं या बिजली विभाग की बातें, बात कुछ भी हो पर इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.