छतरपुर। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन नगरी खजुराहो में मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग ने देशी- विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया. जिसमें विभाग के अधिकारियों समेत होटलों के मालिक भी मौजूद रहे. जिसके बाद विदेशी पर्यटकों ने लोगों के साथ जमकर सेल्फी भी लीं.
पर्यटन नगरी पहुंचे विदेशी सैलानी बता दें पर्यटन नगरी खजुराहो में इन दिनों पर्यटकों का तांता लगा हुआ है. लोग दूर-दूर से यहां के विश्व प्रसिध्द मंदिरों की सुंदरता देखने पहुंच रहे हैं. मध्यप्रदेश टूरिज्म विभाग सैलानियों का पूरा ख्याल रख रहा है.
मध्य प्रदेश टूरिज्म के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके समाधिया ने बताया कि पर्यटकों की सारी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है. इसके अलावा विभाग कुटनी डैम हैरिटेज कैपेसिटी में एक होटल डेवलप कर रहे हैं. जिसमें एक शानदार रिसोर्ट बना हुआ है. कुछ समय बाद वहां बोट क्लब की व्यवस्था भी मौजूद होगी.
क्यों प्रसिद्ध है खजुराहो
शहर अपने मंदिरों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है. जिनमें प्राचीन हिंदू मंदिर और जैन मंदिर शामिल हैं. मंदिरों के पत्थरों पर बनी सजीव कलाकृतियां पयर्टकों का मन मोह लेती हैं. इन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों ने करवाया था.
चंदबरदाई ने पृथ्वीराज रासो में बताया है खजुराहो की उत्पत्ति का राज
ऐसा कहा जाता है कि हेमावती नाम की स्त्री अपूर्व सौंदर्य की धनी थी. जिसको देखकर चंद्रदेव मोहित हो गए और रूप बदलकर हेमावती से मिलने पहुंचे. जिसके बाद वे उसका अपहरण करके अपने साथ चंद्रलोक ले गए. जबकि हेमावती विधवा थी और उसका एक बेटा भी था. हेमावती ने चंद्रदेव पर अपने जीवन और चरित्र हनन का आरोप लगाया.
जिस पर चंद्रदेव ने हेमावती को वरदान दिया कि वह खजूरपुर जाए उसको एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो आगे चलकर प्रतापी राजा बनेगा और तुम्हारे सारे पापों का प्रायश्चित हो जाएगा. इस प्रकार हेमावती का पुत्र चंद्रवर्मन खुजराहो का राजा बना और खजुराहो में मंदिरों का निर्माण करवाया.