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अपने ही कार्यक्रम में उपेक्षा के शिकार हो गए बापू, नहीं दे रहा कोई ध्यान

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव बापू को समर्पित किया गया था. लेकिन फिल्म महोत्सव में लगने वाली प्रदर्शनी लापरवाही और उपेक्षा का शिकार हो रही है.

Bapu  neglect in film festival
फिल्म महोत्सव में उपेक्षा के शिकार हो गए बापू

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Published : Dec 21, 2019, 7:49 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 8:20 PM IST

छतरपुर।5 दिन पहले शुरू हुए खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में महात्मा गांधी को लेकर एक अलग से प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा किया गया. लेकिन यही प्रदर्शनी लापरवाही और उपेक्षा का शिकार होती दिखाई दे रही है. 4 दिन बीत जाने के बाद भी इस प्रदर्शनी में ना तो स्टॉल लगाए गए और ना ही गांधी जी से जुड़ा साहित्य को बांटे गए है. ये स्टॉल इस लगाया जाना था ताकि फिल्म महोत्सव में आने वाले लोग महात्मा गांधी के विचारों और आदर्शों को पढ़ सकें.

फिल्म महोत्सव में उपेक्षा के शिकार हो गए बापू

खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का पांचवा साल देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर उनको समर्पित किया गया था. जिसको लेकर फिल्म फेस्टिवल के प्रांगण में एक अलग से प्रदर्शनी लगाई गई थी. शुरुआत में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया था लेकिन धीरे-धीरे यह प्रदर्शनी केवल औपचारिकता बनकर ही रह गई.

फिल्म महोत्सव में उपेक्षा के शिकार हो गए बापू

अब आलम ये है कि खजुराहो फिल्म फेस्टिवल की चकाचौंध में ना तो इस प्रदर्शनी की ओर लोग आ रहे हैं और ना ही यहां पर स्टॉल लगाकर महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ साहित्य लोगों को पढ़ने को मिल रहा है. सबसे बड़ी लापरवाही देखने को ये मिली कि यहां पर जो साहित्य स्टॉल पर रखना चाहिए था या यहां आने वाले लोगों को पढ़ने के लिए दिया जाना था. वो एक बड़े से बंडल में ही बंद रह गया और उस बंडल को खोला तक नहीं गया.

इंदौर से खजुराहो घूमने आए दो भाई इस प्रदर्शनी को देखने आए और उन्होंने जब यहां पर इन अव्यवस्थाओं को देखा तो उन्हें बेहद दुख हुआ. उनका कहना था कि अगर बापू से जुड़ा हुआ कुछ सहित्य यहां पढ़ने को मिलता तो और भी बेहतर होता. फेस्टिवल खजुराहो के प्रांगण में लगी प्रदर्शनी अब केवल दिखावा बनकर ही रह गई है. प्रदर्शनी ना सिर्फ उपेक्षा का शिकार है. बल्कि यहां पर इक्का-दुक्का ही लोग प्रदर्शनी देखने के लिए आते हैं.

Last Updated : Dec 21, 2019, 8:20 PM IST

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