छतरपुर।कहावत है कि शिक्षा से बढ़कर कोई धन नहीं होता है, लेकिन क्या आप अपने धन को खराब होने के लिए छोड़ सकते हैं. नहीं ना, लेकिन छतरपुर के शिक्षा विभाग ने शायद यह कहावत नहीं सुनी, इसीलिए बड़ी लापरवाही करते हुए देवरी गांव के शासकीय हाई स्कूल में बने अतिरिक्त कक्ष में कक्षा 3 से लेकर दसवीं तक की किताबों को खराब होने के लिए छोड़ दिया. यहां पड़ी कुछ किताबें बंडल में बंद हैं तो कुछ खुली हुई पड़ी हैं,इनमें से ज्यादातर किताबें अब उपयोग करने लायक नहीं बची हुई हैं.
कई किताबें जरूर अभी नई हैं जिनका अभी तक बंडल तक नहीं खोला गया है. लापरवाही की हद तो देखिए जिस कमरे में किताबें रखी हुईं हैं बारिश के मौसम में उसी कमरे की खिड़की खुली छोड़ दी गई है, जिससे किताबें गीली होकर गल गई हैं. इसके बावजूद इनका रखरखाव करने वाला यहां कोई नजर नहीं आता.
देवरी गांव के शासकीय हाई स्कूल में सड़ रहीं किताबें मामले में जब हमने स्कूल के प्रिंसिपल आरएल अवस्थी से बात की तो उनका कहना है कि हमने जिन किताबों को वितरण के लिए मंगवाया था,उन किताबों का वितरण कर दिया गया है. यह कमरा बीआरसी ने स्टोर रूम के लिए लिया था, यह किताबें उन्होंने ही रखी हैं. किताबें क्यों वितरित नहीं की गईं, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है.
जब ईटीवी भारत ने मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उनका कहना है कि हम जल्द ही इस मामले का पता करते हैं कि आखिर वह किताबें कहां से आई हैं और किस वजह से उनका वितरण नहीं हुआ है. अगर किताबें खराब हो रहीं हैं तो उनकी देखरेख करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे.
सवाल यही है कि एडीएम भले ही अब देखरेख कराने की बात कर रहे हों, लेकिन आखिर अब तक किसी को किताबें खराब होती हुईं क्यों नहीं दिख रही थीं और शायद अगर ईटीवी भारत नहीं दिखाता तो ये कभी इनको दिखती भी नहीं.