छतरपुर। देशभर में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया. आदिवासियों के लिए तमाम सरकारी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उनका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है. शासन-प्रशासन के नुमांइदे कागजों पर योजनाओं की खानापूर्ति कर इनका लाभ उठाते हैं, वहीं आदिवासी इन सब से वंचित रह गए हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.
बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे आदिवासी, सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा लाभ - आदिवासियों को रोटी, कपड़ा और मकान की दरकार
छतरपुर के नौगांव में आदिवासी समुदाय के लोग वर्तमान में चल रहीं तमाम सरकारी योजनाओं के बाद भी अपने अधिकारों से वंचित हैं. इन लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी सुविधाएं तक नसीब नहीं हो रही हैं.
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जनपद पंचायत नौगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत धरमपुरा के आदिवासियों के लिए घर, पानी, बिजली और शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताएं इनके लिए सपने जैसी हैं. इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए आदिवासियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, जिनकी सुनने वाला कोई नहीं है. ये अपना घर चलाने के लिए झाड़ू बनाने का काम करते हैं, वही इनके बच्चे कबाड़ बीनने के लिए मजबूर हैं.
जब ईटीवी भारत ने इस बारे में तहसीलदार से बात करनी चाही, तो उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हित में जो भी सुविधाएं हैं, उन तक पहुंचाई जाएंगी.