छतरपुर।जिले के टटम गांव में रहने वाले एक दलित दूल्हे ने घोड़ी पर चढ़ने से पहले पुलिस से सुरक्षा की मांग की, जिसके लिए उसने पुलिस को आवेदन लिखा और उसमें इस बात का जिक्र किया की आज तक जिस गांव में वह रह रहा है, उस गांव से कोई दलित घोड़ी पर चढ़कर गांव नही घूमा. इसके बाद पुलिस ने युवक को सुरक्षा दी और दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा और गांव में घूमा(राछ बुंदली परंपरा), राहत की बात है कि इस बीच किसी भी तरह की कोई घटना भी नही घटी.
मुझे घोड़ी चढ़ने दी जाए साहब:पूरा मामला महाराजपुर थाना क्षेत्र के टटम गांव का है, जहां रहने वाले सूरज अहिरवार की शादी खजुराहो की रहने वाली नीलम अहिरवार से 9 दिसंबर को होनी थी. इसको लेकर सूरज ने 4 दिसंबर को थाना महाराजपुर में एक आवेदन देते हुए इस बात की शंका जाहिर की थी कि "गांव में रहने कुछ अपर कास्ट के लोग मुझे घोड़ी पर चढ़ने से रोक सकते है, क्योंकि आज तक आजादी के बाद से इस गांव में कोई भी दलित घोड़ी पर नही चढ़ा है." मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने 9 दिसंबर की रात सूरज को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई और पुलिस की देख रेख में गांव में बारात निकाली गई. सूरज का कहना है कि "देश में सभी को संविधान ने मौलिक अधिकार दिए है और हमें पूरा अधिकार है कि हम स्वतंत्र भारत में हक अधिकार की बात कर सकते हैं."