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छतरपुर: अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल, परेशान किसानों ने की मुआवजे की मांग - तहसीलदार संजय जैन

अतिवृष्टि से 95 फिसदी फसल बर्बाद हो चुकी है, उड़द, तिल और फली की फसलों ने छतरपुर के अन्नदाता के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.

अतिवृष्टि से बरबाद हुई फसल

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Published : Oct 22, 2019, 9:22 AM IST

Updated : Oct 22, 2019, 10:17 AM IST

छतरपुर। बुंदेलखंड में किसानों के लिए खेती करना दिन प्रतिदिन जोखिम भरा होता जा रहा है. अतिवृष्टि के चलते उड़द, तिल एवं फली जैसी फसलों को 95 फीसदी तक का नुकसान हुआ है, जिससे बुंदेलखंड के किसान खासे परेशान हो गए हैं. वहीं जिन किसानों ने लोन लिया है, उनकी परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ती नजर आ रही हैं.

अतिवृष्टि से बरबाद हुई फसल
नाथपुर में रहने वाले हरीश चंद्र कुशवाहा ने अपनी 10 एकड़ की जमीन पर उड़द की फसल उगाई थी, जो अतिवृष्टि के चलते बर्बाद हो गई. हरिश्चंद्र बताते हैं कि,उन्हें उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी, जिसे बेचकर वो मुनाफा कमा सकेंगे, लेकिन भारी बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया.उन्होंने बताया कि खेती के लिए उन्होंने साहूकारों से कर्ज लिया था. फसल बर्बादी के बाद आर्थिक हालात बिगड़ने लगे हैं और इन पैसों के बदले में साहूकार को ब्याज भी देना होगा. किसान प्रशासन से मुआवजा देने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन प्रशासन किसानों की परेशानियों को नजरअंदाज कर रहा है.प्रदेश सरकार ने भी अतिवृष्टि में खराब हुई फसलों को लेकर किसी भी प्रकार के मुआवजे की घोषणा नहीं की है. इस मामले में तहसीलदार संजय जैन का कहना है कि पटवारी अतिवृष्टि में खराब हुई फसलों का सर्वे कर रहे हैं. जल्द ही एक रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी जाएगी, फिर मुआवजे की राशि की घोषणा कर मुआवजा भी दिया जाएगा.
Last Updated : Oct 22, 2019, 10:17 AM IST

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