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गेहूं खरीदी केंद्र प्रबंधक की मनमानी से किसान परेशान, अधिकारी भी नहीं सुन रहे गुहार - Wheat is not weighing

छतरपुर जिले के बिजावर के किसान खरीदी केन्द्र गहोई वेयर हाउस में किसान बेबस नजर आ रहे हैं. जहां समिति प्रबंधक किशन राजपूत का मनमानी करने का मामला सामने आया है, जो तीन-तीन दिन तक मजबूर किसानों को बारदाना नहीं होने के नाम पर चक्कर लगवा रहे हैं.

committee manager at the wheat purchasing center is doing arbitrary IN Chhatarpur
खरीदी केंद्र पर समिति प्रबंधक कर रहा मनमानी

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Published : May 16, 2020, 1:01 PM IST

Updated : May 16, 2020, 3:17 PM IST

छतरपुर।सरकार के लाख दावों के बाद भी किसानों की हालत नहीं सुधर रही है. किसानों को कुदरत से लेकर शासन के हर सिस्टम की मार झेलनी पड़ रही है. छतरपुर जिले के बिजावर के किसान खरीदी केंद्र गहोई वेयर हाउस में समिति प्रबंधक किशन राजपूत की मनमानी से परेशान हैं. जहां तीन-तीन दिन तक किसानों को बारदाना नहीं होने के नाम पर चक्कर लगवाए जा रहे हैं.

लगवाया जा रहा गेहूं का ढेर

किसानों के गेहूं का नहीं हो रहा तौल

गहोई वेयर हाउस में खुले आसमान के नीचे किसानों का गेहूं रखवाया जा रहा है. किसानों को खुले आसमान के नीचे कई रातें गुजारनी पड़ रही हैं. जबकि लगभग एक हजार बोरी का बारदाना वहां मौजूद है, जो कैमरे में कैद हुआ है. वहां काम कर रहे कुछ लोगों ने ऑफ कैमरा पर बताया कि, कुछ हजार बोरी छुपाकर रखी गई हैं, जो समिति प्रबंधक अपनी पहचान और रिश्तेदारों को मुहैया कराता है. जहां शाम होते ही पहचान और रिश्तेदार का गेहूं बिना जांच के ही शासकीय बोरी में भर लिया जाता है.

खरीदी केंद्र पर समिति प्रबंधक कर रहा मनमानी

किसानों से लगवाए जा रहे हैं गेहूं का ढेर

आलम ये है कि, किसानों के लिए नियम बदल जाता हैं और उनसे खुद ही गेहूं का ढेर लगवाया जा रहा है. किसानों से ही शासकीय बोरियों में गेहूं की पचास किलो तीन सौ ग्राम की तौल करवाकर भरवाया जा रहा है, जिसकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो चुकी है. कई बार शासन से शिकायत करने के बाद भी, कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

तीन दिनों से भटक रहे किसान

किसानों द्वारा अधिकारियों से की गई शिकायत के बाद भी सरकार और शासन प्रशासन का कोई डर नजर नहीं आ रहा है. वहां मौजूद कुछ किसानों ने बताया कि, वे तीन दिन से भटक रहे हैं, लेकिन अनाज नहीं तौला गया है. अब उनसे कहा जा रहा है कि, तीन दिन पहले आपका मैसेज आया, अब आप किसी दूसरे केन्द्र पर जाइए. जबकि किसान का कहना है कि मैसेज जिस तारीख को आया वे उसी दिन से अनाज लेकर पहुंचे हैं.

प्रशासन की नहीं मिल रही मदद

किसान ने कहा कि, वे अनाज लेकर यही सो रहे हैं और यही खा-पी रहे हैं. समिति प्रबंधक की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. समिति प्रबंधक की तानाशाही के सामने किसान परेशान हो रहे है और शासन प्रशासन ऐसे तानाशाह समिति प्रबंधक पर नजर रखने में नाकाम साबित हो रहा है.

Last Updated : May 16, 2020, 3:17 PM IST

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