छतरपुर|सरकार भले ही सरकारी स्कूलों के बच्चों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती हो. लेकिन, छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा गांव के शासकीय स्कूल में सरकार के सारे दावे फेल होते नजर आते हैं. आलम यह है कि जिन बच्चों के हाथों से कलम चलनी चाहिए, वह बच्चे स्कूल में झाड़ू लगाने को मजबूर हैं. जबकि स्कूल भी तय समय से नहीं खुलता है. जिससे छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है.
छतरपुरः किताबों की जगह बच्चों के हाथ में थमाई झाड़ू, कर रहे स्कूल की साफ-सफाई
छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा गांव के शासकीय स्कूल में सफाई कर्मचारी मौजूद न होने की वजह से बच्चों को खुद ही झाडू लगाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में चल रही लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
गढ़ी मलहरा गांव में मिडिल क्लास सरकारी स्कूल है. जिसमें पहली कक्षा से आठवी कक्षा तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है. लेकिन, इस स्कूल में शिक्षकों और प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. क्योंकि न तो स्कूल समय से खुल रहा है और न ही बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. टीचरों के देर से पहुंचने के कारण स्कूल साढ़े दस बजे के बाद ही खुलता है. जिससे बच्चें घंटों स्कूल के बाहर ही खड़े रहते हैं. वही स्कूल में सफाई कर्मी न होने की वजह से विद्यार्थियों को खुद ही झाडू और साफ-सफाई करनी पड़ती है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में चल रही लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
इस पूरे मामले पर जब स्कूल के प्रधानाध्यापक बात करने की कोशिश की गयी, तो वेकुछ भी बोलने से बचते नजर आए. हालांकि जिले के डीपीसी अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है कि अगर इस स्कूल में इस तरह की गड़बड़ियां हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी छात्र से स्कूल के काम करवाएजा रह हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.