छतरपुर।जिले के नौगांव में मौसम की मार किसानों पर ही नहीं, देशी फ्रिज कहे जाने वाले मटके-मटकी बेचने वालों पर भी पड़ी है. हालात यह है कि फरवरी के बाद मार्च व अप्रैल में भी बार-बार बारिश होने से तापमान गिरा है, जिसके कारण मटका, नांद आदि की ग्राहकी नहीं चल पा रही है. कोरोना काल को छोड़ दें तो जहां हर साल 10 से 15 हजार मिट्टी से बने मटके, नांद, सुराही सहित अन्य सामान आसानी से बिक जाते थे, लेकिन इस साल 50 फीसदी भी बिक्री नहीं हो पाई है.
इसलिए नहीं खरीद रहे मटका:कोरोना काल 2020-2021 में भी ऐसी स्थिति नहीं थी, जैसी इस साल है. वार्ड नम्बर 11 निवासियों ने बताया कि "घर में फ्रिज तो है लेकिन उसमें रखा ठंडा पानी नहीं पी रहे हैं. तेज गर्मी नहीं होने के कारण मटका भी इस बार नहीं खरीदा और नॉर्मल पानी का ही घर में उपयोग कर रहे हैं, ऐसे में मौसम में ठंडा पानी का उपयोग करेंगे तो बीमारी का भी खतरा रहता है."