छतरपुर।नौगांव शहर से लगे हुए क्षेत्रों में पत्थर खदान में क्रेशर कारोबारी मुनाफा कमाने के चक्कर में पर्यावरण सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहे हैं. विभागीय अधिकारियों की मानें तो जमीन से 6 मीटर तक ही खनन कर पत्थर निकाला जा सकता है, लेकिन पहाड़ी के पास जमीन से 20 मीटर नीचे तक खुदाई की जा चुकी है. वहीं, इसमें पहाड़ की ऊंचाई और जोड़ दें, तो अब तक 70 मीटर से अधिक खनन किया जा चुका है. जमीन से 6 मीटर नीचे खुदाई करने से पहले ग्वालियर या नागपुर से पर्यावरण विभाग की मंजूरी लेना पड़ती है, जो किसी भी क्रेशर संचालक के पास नहीं है.
नियमों का पालन कराने में प्रशासन असमर्थःवहीं, जिले का प्रशासन शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन कराने में अब तक असमर्थ दिखाई दे रहा है. पूरा खनिज विभाग अवैध रेत और पत्थर खनन कराने में खुली छूट दे रहा है. लिहाजा पर्यावरण प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है और पहाड़ जमींदोज होते जा रहे हैं. शासन और प्रशासन खनिज नियमों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाए अधिनियमों का सही तरीके से पालन कराता तो शायद यह स्थिति चौबारा, तिंदनी, नौरा पहाड़ी सहित दौरिया, गर्रौली, अलीपुरा, खकरी वीरपुरा, मानपुरा, अमा, महेड़, हरपालपुर, गढ़ीमलहरा, महाराजपुर सहित नौगांव तहसील एवं अनुविभाग क्षेत्र के अनेक पहाड़ों की नहीं होती.