छतरपुर।आमला में छुट्टियां काट रही छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए उन्हें अनुमति न दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया है. निशा बांगरे ने कहा कि ''वे बेहद दुखी हैं और उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.'' बांगरे ने अपना इस्तीफा सामान्य प्रशासन के प्रमुख सचिव को भेज दिया है. एक कांफ्रेंस में निशा बांगरे ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ भी हो जाए अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म कार्यक्रम आयोजित होगा. दुनिया की कोई ताकत कार्यक्रम होने से नहीं रोक सकती. उन्होंने प्रशासन पर अनुमति नहीं देने पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब रेलवे ने अपनी जमीन कार्यक्रम के लिए दी है, फिर प्रशासन आखिर किसके दबाव में अनुमति नहीं दे रहा है.
यह बताई इस्तीफे की वजह:वर्ष 2017 में MPPSC से चयनित निशा बांगरे ने बताया कि ''उन्हें स्वयं के मकान के उद्घाटन और विश्व शांति दूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने के लिए स्वीकृति नहीं दी गई. इससे मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूरणीय क्षति पहुंची है. मैं अपने मौलिक अधिकार धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती, इसलिए मैंने डिप्टी कलेक्टर के पद से गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया है.''
2016 में क्लियर की MPPSC: निशा ने बताया कि ''अब वे घर में कॉल सेंटर शुरू करेंगी और सिविल सर्विस के लिए तैयारी करने वाले बच्चों को अपना सहयोग देंगी. हालांकि इस्तीफा दिए जाने को लेकर प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, दीप्ति गौड़ मुखर्जी से संपर्क नहीं हो पाया है.'' बात करें निशा बांगरे के एकेडमिक्स और करियर की तो उन्होने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया. 2016 में MPPSC की परीक्षा दी और उसमें सिलेक्ट हुईं. निशा की पोस्टिंग DSP के पद पर हुई. 2017 में वो छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुईं.