छतरपुर। जिले की तहसील बिजावर के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर साल जन्माष्टमी कुछ अनोखे तरीके से मनाई जाती है. जिसमें प्रसाद लुटाने की परंपरा होती है.इस परंपरा को काफी सालों से मनाते आया जा रहा हैं. इस परंपरा को स्थानीय भाषा में धनकाना कहा जाता है.
यहां अनोखे तरीके से मनाई जाती है जन्माष्टमी, श्रद्धालुओं पर लुटाया जाता है प्रसाद
छतरपुर जिले में प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर साल मनाया जाता है जन्माष्टमी का त्योहार. इस मौके पर श्रद्धालुओं पर प्रसाद लुटाने कि है प्राचीन परंपरा.
वहीं इस कार्यक्रम में जहां श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिलता हैं. वहीं इस आयोजन में सभी बच्चे-बूढ़े बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते भी लेते है. इस मंदिर में छत की ऊंचाई से श्रद्धालुओं पर प्रसाद लूटाया जाता हैं, और मान्यता है कि जो व्यक्ति जितना अधिक प्रसाद लूटता है उसकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं और साथ ही प्रसाद पाने वाला हमेशा स्वस्थ्य रहता है .
बता दें कि इस आयोजन की तैयारी कई महीनें पहले से की जाती है, जिसमें कई क्षेत्रीय जन भाग लेते है और अपनी प्रस्तुति देते है इतने सालों से चली आ रही इस प्रथा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता हैं. यहां कोई भी घटना घटित ना हों इसके लिए पुलिस प्रशासन हमेंशा चौकन्ना रहता हैं.