छतरपुर।जिले में हो रहे बुंदेली उत्सव में शुक्रवार का दिन आल्हा के नाम रहा. इस दौरान बुंदेलखंड में गाया जाने वाला लोक कला गीत आल्हा गाया गया. जो कि ज्यादातर बुंदेलखंड में गाया जाता है. इस गीत के माध्यम से लोग बुंदेल के राजा-महाराजा और वीर पुरुषों की गाथाओं का बुंदेली भाषा में बखान करते हैं. आल्हा की प्रस्तुति मंच से लोकगायक मुकेश यादव ने दी. जिसे सुन वहां लोग मौजूद मंत्रमुग्ध हो गए.
विलुप्त हो रही संस्कृति का किया जा रहा मंचन
जिले के बसारी गांव जो कि पर्यटक गांव के नाम से भी जाना जाता है, वहां बुंदेली उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन बुंदेलखंड से विलुप्त हो रही लोक कथाओं और लोकगीतों के साथ विभिन्न संस्कृतियों को मंच के माध्यम से लोगों के बीच में लाने की कोशिश की जा रही है. जिससे संस्कृति, बुंदेली कलाकृति विलुप्त होने से बची रहे. वहीं महोत्सव में मंच पर आल्हा गीत ने धूम मचा दी. जिसे हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने सराहा.