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शिक्षा की अलख जगा रहे छतरपुर के नेत्रहीन शिक्षक, रच रहे बच्चों का उज्ज्वल भविष्य - समाज

छतरपुर जिले के पनौठा गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के एक शिक्षक धर्मेंद्र सिंह बुंदेला लोगों के लिए मिसाल से कम नहीं है. इस नेत्रहीन शिक्षक का योगदान शिक्षा जगत में बहुमूल्य है. यहां पढ़ने वाले बच्चे भी उनके पढ़ाने के तरीके के कायल हैं.

शिक्षक धर्मेंद्र सिंह बुंदेला कक्षा लेते हुए

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Published : Jul 24, 2019, 3:16 PM IST

छतरपुर। जिले के पनौठा गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र सिंह बुंदेला का जज्बा देखने लायक है. नेत्रहीन होने के बावजूद वे शिक्षा का अलख जगा रहे हैं और ब्रेल लिपि के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
शारीरिक कमी उनके हौसले के आड़े कभी नहीं आई. वहीं स्कूल के बच्चे भी धर्मेंद्र सिंह से पढ़कर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि धर्मेंद्र सर का पढ़ाया सब्जेक्ट उन्हें जल्दी समझ में आ जाता है.

वहीं शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि वे पहली से पांचवीं तक विद्यार्थियों को सभी सब्जेक्ट पढ़ाते हैं और ऊपर की कक्षाओं में इतिहास सब्जेक्ट पढ़ाते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि रुचि होने के बावजूद वे साइंस और संस्कृत जैसे विषय नेत्रहीन होने के कारण नहीं पढ़ा पाते हैं, इसका उन्हें अफसोस है.

शिक्षा की अलख जगा रहे छतरपुर के नेत्रहीन शिक्षक
ज्ञान बांटने से बढ़ता है और ज्ञान की रोशनी जीवन के अंधियारे को दूर कर देती है, ये सिद्ध कर दिखाया है शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ने, जो अपने हौसलों से समाज के लिए मिसाल बने हुए हैं.

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