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मिसाल: आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी लगाने के लिए खुद किया आवेदन

जहां एक तरफ कोरोना वायरस के कारण कई डॉक्टर और नर्स ने घर से निकलना बंद कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ छतरपुर जिला अस्पताल में चंद्रभान सेन नाम का एक ऐसा स्टाफ भी है, जो जिला अस्पताल प्रबंधन से इस बात के लिए निवेदन किया था कि उसकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई जाए.

Application made for duty in isolation ward
आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी के लिए खुद किया आवेदन

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Published : Apr 26, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 9:07 PM IST

छतरपुर। पूरे देश में कोरोना महामारी का प्रकोप है. ऐसी परिस्थिति में सिर्फ पुलिस और मेडिकल स्टाफ ही है, जो लगातार पूरी निष्ठा के साथ भयंकर महामारी से जंग लड़ रहा है. लेकिन कई डॉक्टर ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस संकट काल में अपने आप को घर में ही क्वारेंटाइन कर रखा है. घरों से निकलना बंद कर दिया है. साथ ही मरीजों का इलाज करना और अस्पताल में जाना बंद कर दिया है.

आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी के लिए खुद किया आवेदन

जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. शासकीय अस्पताल में काम करने वाले चंद्रभान सेन एक ऐसे ही कोरोना वॉरियर हैं, जिन्होंने जिला अस्पताल प्रबंधन को इस बात से निवेदन किया था कि उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई जाए, ताकि वह कोरोना संदिग्ध मरीजों की सेवा कर सकें. शहर के बेनीगंज मोहल्ले में रहने वाले चंद्रभान सेन जिला अस्पताल में सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम करते हैं. पिछले कुछ दिनों से लगातार जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे हैं. आइसोलेशन वार्ड एक ऐसी जगह है, जहां अमूमन हर कोई जाना नहीं चाहता. लेकिन चंद्रभान सेन एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बीमारी और मौत की परवाह किए बिना आइसोलेशन वार्ड में अपनी ड्यूटी देते हुए मानव सेवा कर रहे हैं.

चंद्रभान सेन बताते हैं कि पहले उनकी ड्यूटी कुपोषित बच्चों के वार्ड में लगी हुई थी. लेकिन उन्होंने खुद सिविल सर्जन आर एस त्रिपाठी से निवेदन किया कि उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई जाए, ताकि वह कोरोना महामारी से पीड़ित संदिग्ध मरीजों की सेवा कर सकें. चंद्रभान बताते हैं कि ये सब इतना आसान नहीं था. उनकी पत्नी ने इस बात को लेकर सीधे तौर पर मना कर दिया. काफी देर समझाने के बाद आखिरकार उनकी पत्नी मान गई. काफी देर समझाने के बाद आखिरकार उनकी पत्नी मान गई चंद्रभान बताते हैं कि उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. बच्चों को लेकर उनकी पत्नी काफी चिंतित थी. लेकिन मेरी जिद्द के सामने उसने सहमति जाहिर कर दी.

सिविल सर्जन आरएस त्रिपाठी बताते हैं कि एक ओर जहां कई डॉक्टरों एवं नर्सों ने आइसोलेशन वार्ड में जाने और ड्यूटी करने से मना कर दिया. ऐसे में चंद्रभान सेन एक ऐसा व्यक्ति है, जो खुद मेरे सामने आकर निवेदन करते हुए बोला कि उसे आइसोलेशन वार्ड में काम करना है. चंद्रभान जैसे युवा से दूसरे लोगों को सीख लेना चाहिए. चंद्रभान एक मिसाल पैदा कर रहा है कि विपरीत परिस्थितियों में घर में नहीं बैठा जाता, बल्कि मानवता की सेवा के लिए आगे आना चाहिए.

Last Updated : Apr 26, 2020, 9:07 PM IST

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