छतरपुर। बुंदेलखंड में अभी टिड्डी दल कोई बड़ा नुकसान नही कर पाया है, लेकिन किसानों ने टिड्डी दल को लेकर कोई लापरवाही बरती तो आने वाले समय में किसानों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिसको लेकर जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है.
दोबारा आ सकता है टिड्डी दल बुंदेलखंड में टिड्डी दल का खतरा भले ही फिलहाल टल गया हो. लेकिन आने वाले समय में एक बार फिर टिड्डी दल किसानों के लिए मुसीबत साबित हो सकती है. वैसे तो टिड्डी दल के पीछे केंद्र और राज्य शासन का एक दल रहता है जो किसानों और आसपास के लोगों को इस बात से अवगत कराता है कि आपके यहां पर टिड्डी दल आया हुआ है. शोर और सायरन से टिड्डी दल को भगाया जा सकता है.कृषि वैज्ञानिक वीणा पाणी श्रीवास्तव का कहना है कि अगर किसान टिड्डी दल पर ध्यान नहीं दे पाता है और यह कुछ वक्त के लिए किसी जगह पर ठहरते हैं. अगर वहां अंडे देने के बाद टिड्डि दल चला जाता है तो आने वाले समय में एक बार फिर बुंदेलखंड के किसानों के लिए यह खतरा बन सकते हैं. दरअसल वैज्ञानिकों की माने तो अगर टिड्डि दल अधिक समय तक किसी जगह रह जाता है तो वह वहां पर अंडे दे देता है और आने वाले समय पर यहीं अंडे टिड्डी बन जाते हैं.