छतरपुर। जिले में पीएनसी के द्वारा सड़क निर्माण के काम के दौरान जिला प्रशासन एवं बजरंग दल आमने सामने आ गये. दरअसल पीएनसी कंपनी के द्वारा फोर लाइन का काम किया जा रहा है, जहां छतरपुर जिले से लगभग 13 किलोमीटर दूर कदारी गांव में बने हनुमान मंदिर को फोर लाइन के काम के चलते पीएनसी कंपनी तोड़ना चाहती थी. सूचना मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और मंदिर ना तोड़ने को लेकर जिला प्रशासन एवं बजरंग दल की नोकझोंक शुरू हो गई.
छतरपुर: मंदिर तोड़ने को लेकर प्रसासन और बजरंग दल आमने सामने - छतरपुर न्यूज
छतरपुर जिले में पीएनसी के द्वारा सड़क निर्माण के लिए एक मंदिर बीच में आ रहा है. जिस पर जिला प्रशासन एवं बजरंग दल आमने सामने आ गये.
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हनुमान मंदिर गांव के लोगों के लिए गहरी आस्था का प्रतीक है. लोगों का कहना है कि पिछले सैकड़ों सालों से यह मंदिर यहां मौजूद है तो वहीं जिला प्रशासन इस मंदिर को अतिक्रमण बताते हुए वहां से हटाने लगा और इसी बात को लेकर बजरंग दल और जिला प्रशासन आमने-सामने हो गए.
बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक सत्येंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है और लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है प्रशासन अगर मंदिर को यहां से हटाना चाहता है तो दूसरी जगह इस मंदिर को स्थानांतरित कर दे. तो वहीं तहसीलदार संजय शर्मा ने मंदिर के प्रत्येक गांव की लोगों की आस्था को देखते हुए मंदिर को सरकारी जमीन आवंटित कर दी जिसके बाद मामला शांत हुआ.