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बुंदेलखंड के युवा किसान ने पेश की मिसाल, नर्सरी में उगाई 15 किलो वजनी मौसंबी

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Published : Sep 22, 2020, 1:51 AM IST

वैसे तो बुंदेलखंड में कहीं पर भी मौसंबी के फलों की खेती नहीं की जाती है, लेकिन यहां एक युवा किसान के नर्सरी में मौसंबी उगा है, वो मौसंबी के 10 से 15 किलो वाला, जैने इस मौसंबी की और खासियत..

15 kg Mausambi fruit grown in Chhatarpur
ये मौसंबी है बड़ा खास

छतरपुर।जरा सोचिए अगर आप बाजार में 10 से 15 किलो मौसंबी का फल लेने जाते हैं और दुकानदार आपको केवल एक मौसंबी का फल थमा देता है तो शायद आप हैरान रह जाएंगे. कुछ ऐसी ही हैरानी हुई जब हमने मौसंबी के एक ऐसे पेड़ को देखा, जिस में 10 से लेकर 20 किलो के मौसंबी के फल लगे हुए थे. जो अपने आप में बेहद हैरान करने वाले थे. वैसे तो बुंदेलखंड में कहीं पर भी मौसंबी के फलों की खेती नहीं की जाती है, लेकिन यहां एक युवा किसान ने इसे कर दिखाया है, वो मौसंबी के 10से 15 किलो वाले फल उगा कर.

ये मौसंबी है बड़ा खास

छतरपुर से लगभग 18 किलोंमीटर दूर रहने वाले एक किसान हैं 32 साल के आलोक तिवारी. आलोक को अलग तरह की खेती किसानी करना पसंद है. इस पौधे को आलोक तिवारी 3 साल पहले एक नर्सरी से लाए थे, लेकिन उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि यह पौधा अपने आप में इतना अलग होगा. इसमें फलने वाले वाले फल कद्दू के बराबर हैं और उनका वजन भी लगभग कद्दू के जितना ही है. यह फल इतने अलग और अजीब हैं कि इसे देखने के लिए दूर से लोग आते आते हैं.

पकने पर बढ़ जाती है मिठास
32 साल के आलोक तिवारी एक युवा पढ़े लिखे किसान हैं उनका कहना है कि उन्हें शौक है कि वह तरह-तरह की अनोखी चीजें अपने खेत में लगाते रहते हैं. इसे भी उन्होंने एसे ही लगाया था. आलोक ने बताया कि इस मौसंबी का स्वाद भी सामान्य मौसंबी जैसा ही है. लेकिन पकने पर इसका स्वाद अन्य मौसंबी के से ज्यादा स्वादिष्ट हो जाता है.

आखिर एक मौसंबी इतनी बड़ी कैसे

इस मौसंबी देखने वाले जितना हैरान हैं, उतना ही हैरान इसके पेड़ को रोपने वाले किसान आलोक तिवारी भी है. आोक का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी की उनका रोपा मौसंबी कभी ऐसे फल देगा. उन्होंने तो बस शौकिया तौर पर अपनी नर्सरी में मौसंबी रोप दी थी. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि 1 दिन इस फल के कारण वो भी चर्चा का विषय बनेंगे.

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