छतरपुर। अफसा ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा कोरोना के खत्म होने की खुदा से दुआ करने के लिए रखा है. अफसा महज 10 साल की हैं, और वो चाहती हैं कि, जल्द इस महामारी का प्रकोप खत्म हो और लॉकडाउन हटे, ताकि वो और उस जैसे कई बच्चे स्कूल जा सकें.
विश्वव्यापी इस महामारी से निपटने के लिए सभी लोग अपने- अपने तरीके से प्रयास कर रहे हैं, तो वहीं मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में रहने वाली 10 साल की अफसा कादरी ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा कोरोना वायरस को देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से भगाने के लिए रखा.
अफसा की मां शाहीन फातिमा बताती हैं, 'कल सुबह हम लोगों के साथ उठते ही उसने सहरी की और कहा कि रोजा रखना चाहती है, पहले तो हमें यकीन नहीं हुआ, इतनी छोटी बच्ची और रोजा कैसे रख सकेगी.' अफसा का दिल रखने के लिए उसके माता-पिता ने उसे रोजा रखने के लिए हामी भर दी, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी बेटी सच में पूरे दिन रोजा रख पाएगी.