भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का बजट लोक लुभावन हो सकता है. माना जा रहा है सरकार जय किसान ऋण माफी योजना के बाद किसानों को रियल टाइम वॉलेट देने का ऐलान भी कर सकती है. किसानों को प्रति एकड़ फसल के हिसाब से लिमिट मिल सकती हैं. ताकि किसान पैसे ना होने पर खाद बीज वॉलेट के जरिए खरीद सकें.
उद्योगों को बढ़ावा देने नगरीय निकायों और उद्योग विभाग द्वारा अलग-अलग लिए जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स में सरकार राहत दे सकती है तो वहीं राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार शराब के साथ विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स को बढ़ा सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार चालू वित्तीय वर्ष के लिए तृतीय अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत कर सकती है, जो करीब 15 हज़ार करोड़ का होगा और इसमें सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित हाल में कई गई अन्य घोषणाओं के लिए वित्तीय प्रावधान होंगे.
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व रीजनल डायरेक्टर राजेंद्र कोठारी के मुताबिक मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार की बहुत जरूरत है. इसके लिए उद्योगों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए. प्रदेश में महंगाई तो देश की महंगाई के बराबर है. लेकिन कमाई के मामले में प्रदेश बहुत पीछे हैं. उनके मुताबिक सरकार को अंतरिम बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करनी चाहिए, वहीं सरकार को सरकारी खर्चों में कमी के प्रयास भी करने चाहिए.
सेबी एडवाइजरी कमेटी के सदस्य संतोष कुमार अग्रवाल के मुताबिक सरकार को राजस्व बढ़ाने की बहुत जरूरत है. इसलिए उम्मीद लगाई जा रही है सरकार शराब की बिक्री पर टैक्स को और बढ़ा सकती है. प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार को उद्योगों को बढ़ाना होगा. उनका कहना है कि सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए और छूट दे सकती है. इसके जरिए प्रदेश में रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी.
भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार पाली के मुताबिक प्रदेश में नगरीय निकाय और उद्योग विभाग इंडस्ट्री से अलग-अलग प्रॉपर्टी टैक्स वसूल करती है. उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में इसमें राहत दे सकती है. साथ ही उद्योगों को दी गई भूमि को फ्री होल्ड करने का निर्णय भी सरकार ले सकती है.