भोपाल। संसद के निचले सदन में चली सवा दो घंटे की फिल्म तैयार करने में सवा महीने से अधिकारी पसीना बहा रहे थे, इस फिल्म के रीलीज होने से पहले आम से खास तक सब ख्वाब देख रहे थे, लेकिन फिल्म के प्रदर्शित होते ही ज्यादातर के सपने टूट गये, जिसकी वजह है वित्त मंत्री के बजट भाषण का वो हिस्सा, जिसमें वो पेट्रोल-डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर सेस चार्ज लगाने की बात कह रही हैं.
बजट 2019: सरकार के बही-खाते ने बिगाड़ा आवाम का बजट, निवाले का बढ़ा भार - #Tax Exemption
प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार ने पहले ही बजट में जोर का झटका दिया है, जिससे कहीं खुशी-कहीं गम का माहौल है, बजट के शूटकेस में कटौती भले ही सरकार ने कर दी है, लेकिन उसके बदले में सरकार ने आम आदमी की जेब काट ली है.
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पेट्रोल-डीजल पर लगे सेस चार्ज से आवाम को महंगाई की दोहरी मार पड़ने वाली है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ट्रांसपोर्टेशन पर असर पर पड़ेगा, जिससे आम आदमी की जरूरत की चीजें भी महंगी हो जायेंगी.
सेस चार्ज से आम आदमी की जेब पर भार पड़ने वाला है क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दाम का सीधा असर आम आदमी के किचन से लेकर सभी जरूरतों पर पड़ता है. प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार की तरफ आस भरी नजरों से देख रही आवाम को पहले ही बजट में जोर का झटका लगा है क्योंकि महंगाई तो बढ़ रही है, लेकिन न तो आवाम की इनकम बढ़ रही है और न ही रोजगार के संसाधन बढ़ रहे हैं.