भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल में अलग-अलग रंग दिखते हैं. उन्ही में से एक 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' भी है. राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में रमजान के महीने में सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन किया जाता है, जो एकता की मिसाल पेश करता है. यहां जाति, धर्म, अमीर, गरीब का कोई बंधन नहीं है.
एकता की मिशाल पेश करता है भोपाल का 'साथ-साथ रोजा इफ्तार', यहां धर्म-जाति का नहीं कोई बंधन
60 लोगों ने मिलकर तीन साल पहले 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' की शुरूआत की थी. आज इकबाल मैदान पर करीब 1500 लोग एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं.
इकबाल मैदान में फिलहाल रोजाना 15 सौ से 2 हजार लोग एक साथ बैठकर एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं. इसे एक समूह आयोजित करता है. रोजा इफ्तार के दौरान खाने-पीने और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. संचालक ग्रुप के मुमताज ने बताया कि यहां हर साल रमजान के महीने में रोजा इफ्तार का आयोजन होता है.
प्रतिदिन शाम को इकबाल मैदान में 1500-2000 लोग पहुंचते हैं. इस ग्रुप ने ये कार्यक्रम तीन साल पहले शुरू किया था. मुमताज ने बताया कि जो लोग घर से दूर रहते हैं, ट्रैफिक में फंस जाते हैं. जिनके यहां खाने की व्यवस्था नहीं होती. उनके लिये इकबाल मैदान में रोजा इफ्तार की व्यवस्था की जाती है.