भोपाल। सियासत में वंशवाद-परिवारवाद कोई नई बात नहीं है, यदि सियासत की बात छोड़ भी दें तो हर मां-बाप को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता तब तक रहती है. जब तक बच्चे व्यवस्थित नहीं हो जाते, बस यही बात नेता प्रतिपक्ष ने कह दी कि जब अधिकारी का बेटा अधिकारी, व्यापारी का बेटा व्यापारी तो क्या नेता के बेटा भिखारी बनेगा. क्यों नहीं नेता के लायक बच्चों को टिकट मिलना चाहिए. हालांकि, बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही वंशवाद की परंपरा आगे बढ़ाने में पीछे नहीं हैं.
बीजेपी नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व सीएम शिवराज की पत्नी साधना सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन की पुत्री मौसम बिसेन दावेदारी पेश कर रही हैं, पूर्व सांसद फूलचंद्र वर्मा के पुत्र राजेंद्र वर्मा, पूर्व सांसद दिलीप भूरिया की पुत्री निर्मला भूरिया सहित पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने भी दावेदारी पेश की है. वंशवाद पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष नितिन दुबे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में पिछले 130 साल से वंशवाद की परंपरा चली आ रही है, जबकि बीजेपी में वंशवाद बिल्कुल भी नहीं है.