भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई कर्मचारी संगठनों की बैठक में कर्मचारियों का गुस्सा अधिकारियों पर फूटा. बैठक में कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि खुद को राजा-महाराजा समझने वाले अधिकारियों पर लगाम लगाई जाए.
अधिकारियों पर फूटा कर्मचारियों का गुस्सा, मंत्रियों से बोले- खुद को महाराजा समझने वाले अधिकारियों पर लगाएं लगाम
मंत्रियों के साथ हुई कर्मचारियों की बैठक. अधिकारियों पर फूटा गुस्सा. मंत्रियों ने दिया मांग पूरी करने का आश्वासन.
बुधवार को मंत्रालय में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह, विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा और गृह मंत्री बाला बच्चन ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने अपनी कई मांगें रखीं. कर्मचारी नेता भुवनेश्वर पटेल ने कहा कि सरकार संविदा कर्मचारियों को स्थाई करे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस बारे में प्रदेश सरकार को निर्देश दे चुकी है, जिसका पिछली सरकार ने पालन नहीं किया था. पुराने संविदा कर्मचारियों को हटाकर नए संविदा कर्मचारी रखने की परंपरा खत्म होनी चाहिए.
इसके साथ ही कर्मचारी संगठनों ने ग्रेड-पे की विसंगतियां दूर करने और शिवराज सरकार के समय आंदोलन करने वाले कर्मचारियों के रोके गए वेतन-भत्ते भी देने की मांग की. बैठक के दौरान कर्मचारियों ने बाबुओं का वेतन शिक्षकों की तरह करने की मांग भी की. कर्मचारियों ने कहा कि कुछ अधिकारी खुद को महाराजा समझते हैं और कर्मचारियों के पांच मिनट भी देर से पहुंचने पर वेतन काटने जैसी कार्रवाई कर देते हैं. उनकी मांग है कि खुद को राजा-महाराजा समझने वाले ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाई जाए. वहीं मंत्री समूह ने कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया.