भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य नगर नियोजन संस्थान के तहत तैयार किए गए जीआईएस स्टूडियो के जरिए प्रदेश के 33 शहरों में चल रही अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि इसकी मदद से भोपाल शहर का मास्टर प्लान साल के अंत तक लाना आसान होगा.
करीब पौने तीन करोड़ की लागत से बनाए गई इस भौगोलिक सूचना प्रणाली के जरिए अब शहरों में पानी की पाइप लाइन, पार्क, बस स्टॉप आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी. संस्थान के संचालक राहुल जैन ने बताया कि भोपाल के बाबडिया कला पर बनाया जा रहा फ्लाई ओवर मास्टर प्लान की अनदेखी कर बनाया गया, लेकिन जीआईएस तकनी आने के बाद अब ऐसी गलतियां नहीं होंगी.
2 करोड़ 73 लाख की लागत से बनाये गए जीआईएस की मदद से अब निवेशकों को सरकारी जमीन तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. जीआईएस के जरिए पता लगाना आसान होगा कि शहर में कहां सरकारी जमीन उपलब्ध है और उसका लैंड यूज़ क्या है. विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह ने इस योजना का उदघाटन करते हुए बताया कि जीआईएस के जरिए अब प्रदेश के 34 शहरों में अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. जिससे इन शहरों के लिए बनाया जाने वाला मास्टर प्लान भी आसान होगा.
मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि जीआईएस से हमें काफी मदद मिलेगी. इससे हमने फिलहाल पांच शहरों के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. भोपाल शहर के मास्टर प्लान के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल के अंत तक भोपाल शहर का मास्टर प्लान लोगों के बीच रख दिया जाएगा.