भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन दिया था. कांग्रेस ने सरकार बनने के तीन महीने बाद ही संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन 6 महीने बाद भी कमलनाथ सरकार संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण पर कोई फैसला नहीं ले पाई है, जिससे संविदा कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है और कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं.
नियमितीकरण नहीं होने से नाराज MP के संविदा कर्मचारी, कमलनाथ सरकार के खिलाफ हो रहे लामबंद
मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारी अब कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन दिया था, लेकिन सरकार बनने के 6 महीने बाद भी अब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है. इससे कर्मचारियों में नाराजगी है.
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मध्यप्रदेश के सभी विभागों में काम करने वाले एक लाख संविदा कर्मचारी यह चाहते हैं. कि उन्हें नियमित करने का वचन दिया गया था. जिसे सरकार जल्द से जल्द पूरा करे. मध्यप्रदेश शासन ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक मंत्रिमंडल समिति का गठन किया था. जिसे 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कमेटी को बने 6 महीने हो गए लेकिन रिपोर्ट तो दूर की बात इस मामले में अब एक और सब कमेटी बना दी गई है.
रमेश राठौर ने कहा कि फिर भी अभी तक संविदा कर्मचारियों के हित में अबतक कोई निर्णय सामने नहीं आया है. इससे संविदा कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है. उन्होंने कहा कि हम सीएम कमलनाथ और मंत्री संविदा कर्मचारियों का मामला देख रहे हैं. उनसे निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की सौगात दे दी जाए, नहीं तो अब हम आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.