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देश के सबसे अमीर सांसद हैं नकुलनाथ, आपराधिक रिकॉर्ड में साध्वी प्रज्ञा भी नहीं पीछे - करोड़पति सांसद

17वीं लोकसभा में निर्वाचित होकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचने वाले सांसदों में मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद नकुलनाथ देश के सबसे अमीर सांसद हैं, जबकि भोपाल से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर आपराधिक रिकॉर्ड बनाने में भी पीछे नहीं हैं.

नकुलनाथ व प्रज्ञा सिंह ठाकुर

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Published : May 27, 2019, 12:48 PM IST

Updated : May 27, 2019, 12:56 PM IST

नई दिल्ली। 'एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म' (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक 17वीं लोकसभा के लिये चुने गये सांसदों की औसत संपत्ति की कुल कीमत 20.93 करोड़ रुपये आंकी गयी है. सर्वाधिक धनी सांसद के रूप में कांग्रेस के नकुल नाथ हैं और जी माधवी सबसे कम संपत्ति वाली सांसद हैं. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से निर्वाचित कांग्रेस सांसद नकुल नाथ के पास 660 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की चल अचल संपत्ति है, इसके अलावा मध्यप्रदेश के 29 में से 26 (90 फीसदी) सांसद करोड़पति हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के टिकट पर आंध्र प्रदेश की अराकू सीट से निर्वाचित माधवी के पास महज एक लाख रुपये से अधिक कीमत की चल अचल संपत्ति है.

वहीं, आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सर्वाधिक सांसद भाजपा के टिकट पर चुन कर आये हैं, रिपोर्ट में भाजपा के 303 में से 301 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण में पाया गया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित 116 सांसदों (39 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं, जबकि कांग्रेस के 52 में से 29 सांसद (57 प्रतिशत) आपराधिक मामलों में घिरे हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 29 सांसदों में से 8 सांसदों (28 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

पिछले तीन लोकसभा चुनाव में निर्वाचित होकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचने वाले सांसदों में करोड़पति और आपराधिक मामलों में घिरे सदस्यों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था 'एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म' (ADR) द्वारा लोकसभा चुनाव परिणाम के अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मामलों में फंसे सांसदों की संख्या दस साल में 44 प्रतिशत बढ़ी है. करोड़पति सांसदों की संख्या 2009 में 58 प्रतिशत थी जो 2019 में 88 प्रतिशत हो गयी है.

17वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों में 24 प्रतिशत (128) सदस्य 12वीं तक पढ़े हैं, जबकि 392 (73 प्रतिशत) सदस्य स्नातक हैं, एक सदस्य ने खुद को महज साक्षर तो एक अन्य ने खुद को निरक्षर बताया है. नये सदस्यों में 194 (36 प्रतिशत) की उम्र 25 से 50 साल है, वहीं 343 (64 प्रतिशत) सदस्य 51 से 80 साल की उम्र के हैं, दो सदस्य 80 साल से अधिक उम्र के हैं.

Last Updated : May 27, 2019, 12:56 PM IST

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