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अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर दोनों दलों का फोकस, कांग्रेस ने बनाई खास रणनीति

भिंड, टीकमगढ़-छतरपुर, उज्जैन, देवास-शाजापुर अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित इन चारों लोकसभा सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस इन सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए खास रणनीति के तहत मैदान में उतरेगी.

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Published : Apr 5, 2019, 9:51 AM IST

मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 की सरगर्मी अपने चरम पर है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित प्रदेश की 4 सीटों पर इस बार मुकाबला रोचक हो सकता है. भिंड, टीकमगढ़-छतरपुर, उज्जैन, देवास-शाजापुर इन चारों सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. इस बार कांग्रेस इन सभी सीटों पर जीत का दावा कर रही है, जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश की एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है.

एससी-एसटी वोट बैंक कांग्रेस और बसपा का परंपरागत वोट माना जाता है, इसलिए कांग्रेस इन चारों सीट पर कब्जा जमाने के लिए खास रणनीति बनाने में जुटी है, क्योंकि जानकार मानते हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता नजर आ रहा है. अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 4 सीटों में से टीकमगढ़ ही ऐसी सीट है, जहां बीजेपी कांग्रेस से आगे नजर आती है.

अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित चार सीटों पर दोनों दलों का फोकस


विधानसभा चुनाव के बाद बदले सियासी समीकरण
विधानसभा चुनाव के बाद बदले समीकरणों की तरफ रुख करें, तो भिंड-दतिया संसदीट सीट के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 5, बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी और एक सीट बसपा के खाते में गई थी. टीकमगढ़-छतरपुर संसदीय सीट के तहत आने वाली 8 सीटों में से कांग्रेस ने 3, जबकि बीजेपी ने 5 सीटों पर कब्जा जमाया था.


उज्जैन लोकसभा क्षेत्र का हाल
उज्जैन लोकसभा क्षेत्र की बात करें, तो इस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 8 सीटों में से कांग्रेस ने 5, जबकि बीजेपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं देवास-शाजापुर सीट की आठ विधानसभा सीटों में पांच कांग्रेस, जबकि तीन सीटें बीजेपी के पास हैं. मध्यप्रदेश में सरकार बनने के बाद कमलाथ सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग को लुभाने के लिये कई फैसले किये हैं, जिनके तहत कांग्रेस वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अनुसूचित जाति वर्ग के युवा वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिये कांग्रेस सरकार ने फैसले किये हैं.

मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया

कमलनाथ सरकार के फैसले एससी वर्ग के लिए-
एससी वर्ग के लिए अंत्य व्यवसायी निगम से मिलने वाले एक लाख तक के कर्ज को माफ करने का ऐलान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया है.
दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान एससी वर्ग पर लादे गए आराधिक प्रकरण कमलनाथ सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है.
एससी वर्ग के बाल्मीकि समाज को रिझाने के लिए कमलनाथ सरकार ने सफाई व्यवस्था में ठेका प्रथा बंद करने और स्थाई रोजगार की व्यवस्था करने के अलावा शहरी इलाकों में वाल्मीकि समाज के लिए मकान के लिए भूखंड देने का भी फैसला किया है.

एमपी कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष और एससी वर्ग के नेता सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि चारों की चार सीटें कांग्रेस जीतने वाली है. मैं बताना चाहता हूं कि विधानसभा चुनाव का जो परिणाम आया है, उससे साफ है कि अनुसूचित जाति वर्ग में सीधे तौर पर कांग्रेस को वोट दिया है, जबकि बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा कहते हैं कि मध्यप्रदेश में 356 वचन देकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आई है, लेकिन उसमें से एक भी वचन पूरा नहीं किया गया है. इस लिहाज से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाएगी. 2014 के लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए एक बुरे सपने की तरह है. जिसको कांग्रेस ना तो याद करना चाहती है और इस बात से भी डरती है कि ऐसे हालात कभी दोबारा ना बने. 2014 में आलम यह था कि बीजेपी ने 29 में से 27 सीटें जीतकर कांग्रेस को करारी पटखनी दी थी.

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