भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण में प्रदेश की 8 सीटों पर नेताओं को नोटा से डर लग रहा है. इन 8 सीटों पर पिछले चुनाव में नोटा पर 10-15 हजार तक वोट पड़े थे, जबकि कई सीटों पर हार-जीत का अंतर 5 हजार था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बदले समीकरणों से नेताओं को लग रहा है कि यदि पिछले लोकसभा चुनाव जैसे नोटा को वोट पड़े तो जीत हार का गणित ही न बिगाड़ के रख दे.
नोटा से लग रहा नेताओं को डर 19 मई को मध्यप्रदेश की इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, धार मंदसौर, खंडवा और खरगोन लोकसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 8 सीटों पर नोटा को एक लाख 22143 वोट मिले थे. इसमें सबसे ज्यादा रतलाम सीट पर 30364 वोट नोटा को डाले गए थे. इस सीट पर 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, लेकिन तीसरे स्थान पर यहां नोटा रहा था.
2014 में सबसे कम वोट 5944 इंदौर में नोटा को मिले थे. वहीं खंडवा लोकसभा सीट पर नोटा के खाते में 17000 से ज्यादा वोट आए थे. भाजपा और कांग्रेस के बाद लोगों ने सबसे ज्यादा नोटा को चुना था. यही हाल धार लोकसभा सीट पर भी रहा यह नोटा को 15437 वोट मिले, जबकि चुनाव मैदान में 7 प्रत्याशी थे, नोटा ने यहां 5 प्रत्याशियों को पछाड़ा था. खंडवा सीट पर भी कुछ ऐसा ही हाल रहा. यहां नोटा को 22141 वोट मिले. वहीं इंदौर में 12287 और मंदसौर में 8568 मतदाताओं ने नोटा को चुना. यही वजह है कि इस बार नेताओं को डर सता रहा है कि यदि नोटा इस बार भी पिछले चुनाव की तरह लोगों की पसंद बना तो हार जीत के अंतर में वे कहीं पिछड़ ना जायें.
किस सीट पर कितने पड़े थे नोटा को वोट
- इंदौर- 5944
- धार -15437
- खंडवा-17149
- खरगोन - 22141
- रतलाम - 30364
- देवास -10253
- मंदसौर- 8568
- उज्जैन -12287