मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सियासी कौशल की कसौटी पर बीजेपी का महारथी, जीत का छक्का लगाने की है चुनौती? - Nandkumar Singh Chauhan vs arun yadav

खंडवा लोकसभा सीट से सातवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी नंदकुमार सिंह चौहान बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. 2014 में उन्होंने कांग्रेस के अरुण यादव को हराया था, जबकि इस बार भी उनका मुकाबला अरुण यादव से ही है.

खंडवा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी नंदकुमार सिंह चौहान

By

Published : May 18, 2019, 1:21 PM IST

खंडवा/बुरहानपुर।हाथों में अखाड़े की झेलम की झनकार के बीच करतब दिखाते, ढोल की थाप पर अवाम के साथ मस्ती में झूमते इस शख्स की गिनती निमाड़ अंचल में बीजेपी के सबसे मजबूत झंडाबरदारों में होती है. जिन्हें पूरे प्रदेश में नंदकुमार सिंह चौहान उर्फ नंदू भैया के नाम से जाना जाता है. खंडवा संसदीय सीट से सातवीं बार चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे नंदू भैया की गिनती बीजेपी के मजबूत-भरोसेमंद सिपाहियों में होती है. जिनकी संगठन क्षमता का लोहा भोपाल से दिल्ली दरबार तक माना जाता है.

जाने नंदकुमार सिंह चौहान का सियासी सफर

बुरहानपुर जिले के शाहपुर में जन्मे नंदकुमार चौहान ने छात्र संगठन अध्यक्ष बनने के बाद अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और उभरते हुए युवा नेता के तौर पर खुद को स्थापित किया. 1979 में पहली बार चुनावी मैदान में कूदे और शाहपुर नगर पंचायत अध्यक्ष बनकर उन्होंने सियासी पारी की शुरुआत की. जिसके बाद चौहान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनके सियासी सफर पर नजर डालें तो.

1979 में पहली बार शाहपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष बने
1985 में पहली बार विधायक चुने गए
शाहपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे
1996 में पहली बार सांसद बने
पांच बार लोकसभा चुनाव जीते
2014 में मध्यप्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बने
दो बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे
पांच बार लगातार बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रहे
सातवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं

नंदू भैया की राजनीतिक क्षमता का लोहा इसी बात से माना जा सकता है कि 1983 के दौर में जब पूरे निमाड़ में कांग्रेस का दबदबा माना जाता था. उस वक्त वे निमाड़ क्षेत्र में बीजेपी के एक मात्र विधायक थे. 2009 में खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव के हाथों मिली हार के बाद राजनीतिक जानकारों का मानना था कि अब नंदू भैया का सियासी सफर खत्म हो गया है, लेकिन 2014 के चुनाव में उन्होंने अरुण यादव को हराकर हिसाब बराबर कर लिया.

इसके बाद नंदकुमार सिंह चौहान और शिवराज सिंह चौहान की जुगलबंदी की चर्चा सियासी गलियारों में अक्सर सुनने को मिलने लगी. इसी जोड़ी ने 2016 के निकाय चुनाव में पूरे प्रदेश को भगवामय कर दिया था. इस बार भी बीजेपी के इस महारथी का मुकाबला कांग्रेस के मजबूत झंडाबरदार अरुण यादव से है. अब अरुण का अरुणोदय होता है या नंदू भैया का नाम रोशन होता है. ये देखने वाली बात होगी.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details