बुरहानपुर। नेपानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं सुमित्रादेवी कास्डेकर पर कांग्रेस जमकर हमला बोल रही है, उधर सुमित्रादेवी कास्डेकर अपने बचाव में तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर विकास कार्य नही करने के आरोप लगा रही हैं, लेकिन स्थानीय युवाओं ने भी सुमित्रा देवी पर मतदाताओं की जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है, साथ ही क्षेत्र में अब टिकाऊ विधायक की मांग उठने लगी है.
पूर्व विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर सुमित्रादेवी ने बताया क्यों छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होकर पूर्व विधायक सुमित्रा ने मीडिया के माध्यम से अपने क्षेत्र के मतदाताओं को कांग्रेस छोड़ने और विधायकी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की वजह बता दी है, उनका आरोप है कि कमलनाथ सरकार के 15 महीने में उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, जिसके चलते उन्होंने यह कड़ा कदम उठाया, लेकिन जनता को सुमित्रादेवी कास्डेकर की यह दलील रास नहीं आ रही है.
बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान पूर्व विधायक रविंद्र महाजन के गंभीर आरोप
अपनी राजनीति चमकाने और कांग्रेस के आला नेताओं के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिए पूर्व विधायक रविंद्र महाजन ने सुमित्रा देवी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, उन्होंने कहा कि सुमित्रा देवी कांग्रेस विधायक रहते हुए, सरपंचों से कमीशनबाजी, रेत माफियाओं से सांठ-गांठ निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार करती रही है, उन्होंने सुमित्रा देवी से पूछा कि जब क्षेत्र में विकास नहीं हो रहा था, तो कांग्रेस की सरकार रहते विधायक पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया, बीजेपी सरकार बनते ही विधायक पद से इस्तीफे की क्या जरूरत पड़ी.
बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान सुमित्रादेवी के बचाव में आए नंदकुमार सिंह चौहान
बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने सुमित्रादेवी के बचाव में उतरकर कहा कि कांग्रेस पार्टी में सुमित्रा देवी बहुत क्षेत्र के विकास को लेकर बेचैन थीं, वे 15 माह के कार्यकाल में अपने विधानसभा क्षेत्र में कोई काम नहीं कर पाईं, जिससे वे नाराज थीं, जबकि कांग्रेस ने वचन पत्र में जनता से वादे कर वोट बटोरे थे.
जनता ही तय करेगी परिणाम
प्रदेश में होने वाले 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भले ही चुनाव आयोग ने अभी तक कोई कारीख का ऐलान न किया हो पर राजनीतिक पार्टियां सारें दांव खेलने में लगी हैं. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है और लुभावने वादे कर रही हैं, लेकिन अब देखना होगा कि होने वाले चुनावों में नेपानगर की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है.