बुरहानपुर।मध्य प्रदेश में उपचुनाव का सियासी बिगुल बज चुका है. नेता जमकर रैलियां कर मतदाताओं के लुभाने में जुटे हैं, तो मतदाता भी जनप्रतिनिधियों से केवल विकास मुद्दों पर ही वोट देने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई पूर्व विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर के इस्तीफे से खाली हुई बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट पर होने वाले उपचुनाव में विकास ही प्रमुख मुद्दा बन गया है. स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि जो क्षेत्र का विकास करेंगा वोट तो इस बार उसी को मिलेगा.
नेपानगर में चढ़ने लगा चुनावी पारा नेपानगर के लोगों का कहना है कि जब से नेपानगर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई है, तब से आज तक क्षेत्र का पर्याप्त विकास नहीं हुआ. मूलभूत सुविधाएं. जैसे, बिजली, पानी, पक्की सड़कें और स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशानियां है. इसलिए जो इन समस्याओं को दूर करेगा, वोट उसी नेता को मिलेगा.
नेपानगर में बनना चाहिए सिविल सर्जन अस्पताल
नेपानगर में बुराहनपुर की तर्ज पर सिविल सर्जन अस्पताल बनाए जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अगर एक अस्पताल नहीं बनवा सकते तो फिर वे कुछ नहीं कर सकते. क्योंकि नेपानगर और आस-पास के लोगों को इलाज के बुरहानपुर और दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है. इसलिए जरुरी है कि नेपानगर में एक सिविल सर्जन अस्पताल बनाया जाए. ताकि क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाए मिल सके.
रोजगार और पानी बड़ा मुद्दा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेपानगर में रोजगार और पानी की पर्याप्त सुविधाएं आज तक नहीं मिल सकी है. नेपा फर्म बंद होने से स्थानीय युवा बेरोजगार है. इसलिए जरुरी है कि यहां रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए कुछ जरुरी योजनाएं और प्रोजेक्ट लाए जाए. जबकि नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में पानी की कमी भी एक बड़ी समस्या है. इसलिए पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना जनप्रतिनिधियों का पहला काम होना चाहिए.
कांग्रेस ने साधा पूर्व विधायक पर निशाना
हालांकि विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुई सुमित्रा देवी कास्डेकर पर स्थानीय कांग्रेस नेता जमकर हमला बोल रहे हैं. पूर्व कांग्रेस विधायक रविंद्र महाजन ने कहा कि सुमित्रा देवी कांग्रेस विधायक रहते हुए सरपंचों से कमीशनबाजी, रेत माफियाओं से सांठगांठ निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार करती रही है. उन्होंने सुमित्रा देवी से पूछा जब क्षेत्र में विकास नहीं हो रहा था, तो कांग्रेस की सरकार रहते विधायक पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया. बीजेपी सरकार बनते ही विधायक पद से इस्तीफे की क्या जरूरत पड़ी.
कमलनाथ ने नहीं किया विकासः सुमित्रादेवी कास्डेकर
तो वही सुमित्रा देवी कास्डेकर कमलनाथ सरकार के 15 महीने में उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाते हुए बीजेपी में शामिल होने की बात कह वोटरों को साधने में जुटी है. उनका आरोप है कि कमलनाथ सरकार के 15 महीने में उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, जिसके चलते उन्होंने यह कड़ा कदम उठाया. इसलिए उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए यह कदम उठाया. ताकि अन्य विधानसभाओं की तरह नेपानगर का विकास हो सके.
वही दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच चल रहे है आरोप-प्रत्यारोप से नेपानगर का सियासी पारा चढ़ गया है. इसलिए दोनों दल यह सीट जीतने की कोशिश में लगे हैं. कांग्रेस में सुमित्रादेवी कास्डेकर को अरुण यादव का करीबी माना जाता था. लिहाजा कांग्रेस में नेपानगर में फिर से पंजे को जिताने की जिम्मेदारी अरुण यादव की ही मानी जा रही है. वही बीजेपी का कमल खिलाने का काम सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के जिम्मे हैं. लिहाजा नेपानगर की सियासी जंग दिलचस्प होने की उम्मीद है.