बुरहानपुर। जिले के नेपानगर सीट पर जब-जब चुनाव करीब आता हैं, एशिया का सबसे बड़ा कागज कारखाना नेपा लिमिटेड चुनावी मुद्दा होता है. नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई है, इस उपचुनाव में नेपा लिमिटेड शुरू नहीं होना बड़ा मुद्दा रहेगा.
कारखाने बंद करने की नीति
नेपा लिमिटेड के कर्मचारी कहते हैं, सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन कांग्रेस नेता नेपा लिमिटेड के सालों से बंद होने और कर्मचारियों को वीआरएस दिलाने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार कारखाने बंद करने की नीति और क्षेत्रीय सांसद नंदकुमार सिंह की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता अपनी पार्टी और सांसद का बचाव करते हुए नेता लिमिटेड का नवीनीकरण धीमी गति से होने पर ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं जल्द नेपा लिमिटेड शुरू करने के वादे भी किए जा रहे हैं.
विदेशी अखबारी कागज सस्ता और अच्छी क्वालिटी का मिलने के चलते अखबारों ने नेपानगर से अखबार लेना बंद कर दिया, जिससे नेपा लिमिटेड की माली हालत खराब होना शुरू हो गई. 2009 में खंडवा बुरहानपुर के सांसद और तत्कालीन भारी उद्योग राज्यमंत्री अरुण यादव ने 1200 करोड़ का नेपा लिमिटेड को रिवाइवल पैकेज स्वीकृत कराया.