बुरहानपुर।नेपानगर में खेतों की बुवाई के बीच बारिश न होने से किसानों का हाल बेहाल है. यहां रूठे इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए ग्रामीण अंचलों में पुरानी परंपराओं के अनुसार पूजन किया जा रहा है. आदिवासी लोकगीत गाकर महिलाएं सिर पर पानी के घड़े रख इंद्र देव को प्रसन्न करने के जतन करते नजर आ रही हैं. मामला तब चर्चा में आ गया, जब विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर भी इस पूजा में शामिल होने पहुंच गईं.
विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर विधायक ने इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए किया नृत्य
दरअसल, विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर आदिवासी समाज के लोगों के बीच पहुंची, यहां उन्होंने क्षेत्र में अच्छी बारिश हो इसके लिए प्राचीन परंपरा अनुसार, इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए समाज के लोगों के साथ गीत गाए, और नृत्य भी किया, विधायक ने आदिवासी भाषा में गीत गाकर सर पर मटकी रख घर-घर जाकर उनके साथ पानी भी मांगा. विधायक ने आदिवासियों की परंपरा का निर्वहन कर इंद्र देव से अतिशीघ्र वर्षा कराने की प्रार्थना भी की.
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बारिश के इंतजार में किसान
बता दें कि, मानसून की पहली दस्तक के बाद, यहां लगभग सभी किसानों ने अपने खेतों में बुवाई शुरू कर दी है, लेकिन बारिश न होने से अब अन्नदाता के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. ऐसे में अगर समय पर बारिश नहीं हुई, तो किसानों को काफी नुकसान पहुंच सकता है और दोबारा बुवाई करने की नौबत आ सकती है. वहीं, इंद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना तरह-तरह पूजन की कवायदें शुरू हो गई हैं.
टोटका बारिश का! गधे से श्मशान में चिता की लगवाई उल्टी परिक्रमा
अंधविश्वास की एक और नई मिसाल
दरअसल, इससे पहले बारिश के लिए अंधविश्वास की एक नई मिसाल इंदौर के राउ क्षेत्र में देखने को मिली. जहां मानसूनी बारिश के चक्कर में लोगों ने वैशाखनंदन यानी गधे का सहारा लिया. गधे को पहले सजाया गया, शमशान घाट ले जाया गया और फिर जलती चिता की परिक्रमा कराई गई. ये कारनामा मिनी मुम्बई के नाम से मशहूर इंदौर में पेश किया गया. यहां गधे को बाकायदा सजाया गया, फूलों का हार पहनाया गया. एक जुलूस के साथ गधे को पूरे इलाके में घुमाया गया. फिर इलाके के श्मशान घाट पर ले जाकर जलती चिता की उलटी परिक्रमा लगवाई गई. यहां के बाशिंदे मानते हैं कि इससे इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है.