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बुरहानपुर: मंदिर समिति सदस्यों की मेहनत से बंजर जमीन पर फैली हरियाली - बाल गजानन वाटिका समिति

बुरहानपुर के सतपुड़ा पहाड़ी पर पथरीली पहाड़ी पर अब हरे-भरे सैकड़ों पेड़-पौधे लहलहा रहे हैं. इस पथरीली जमीन को हरा भरा करना आसान काम नहीं था. क्योंकि यहां न तो पानी की व्यवस्था थी और न ही पौधरोपण करने की संभावनाएं.

Greenery on barren land
बंजर जमीन पर हरियाली

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Published : Jul 19, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 10:26 PM IST

बुरहानपुर।लालबाग से तीन किमी दूर सतपुड़ा पहाड़ी पर स्थित बाल गजानन महाराज मंदिर है, जहां करीब दो साल पहले तक पत्थर ही पत्थर नजर आते थे. लेकिन अब इसका स्वरूप बदल गया है. पथरीली पहाड़ी पर अब हरे-भरे सैकड़ों पेड़-पौधे लहलहा रहे हैं. इस पथरीली जमीन को हर-भरा करना आसान काम नहीं था. क्योंकि यहां न तो पानी की व्यवस्था थी और न ही पौधरोपण करने की संभावनाएं. लेकिन इस काम को बाल गजानन वाटिका समिति ने चुनौती के रूप में लिया और सदस्यों ने दो साल पहले यहां पर पौधरोपण की शुरुआत की. बारिश के समय तो पौधरोपण कर दिया, लेकिन सबसे बड़ी चिंता इस बात की थी कि बारिश के बाद कैसे पौधों को हरा-भरा रखेंगे. इसके लिए समिति के सदस्यों ने पानी संरक्षण के लिए पहाड़ी पर तालाब और गड्ढे खोदना शुरू कर दिए. पहले साल में कुछ तालाब और गड्ढे खोदे और बारिश का पानी पहाड़ी पर रोकना शुरू कर दिया.

बंजर जमीन पर फैली हरियाली

पानी का संरक्षण करने के लिए बना दिये तालाब

अब तक पहाड़ी पर 10 तालाबों का निर्माण हो चुका है. इन तालाबों में प्लास्टिक बिछा कर पानी को रोका जाता है. अब यहां पानी की कोई कमी नहीं है. बारिश में सहेजा पानी पहाड़ी पर सालभर रहता है. जिससे सिंचाई का काम होता है. अब यहां का दृश्य अब मनमोहक हो गया है. लोग अपने जन्मदिन पर यहां पहुंचकर पौधरोपण करने लगे हैं. पहाड़ी की हरियाली और यहां की शांति में लोग सुकून के पल बिताने पहुंचते हैं. शहर के प्रदूषण को छोड़कर जब व्यक्ति इस पहाड़ी पर पहुंचता है तो हरियाली के बीच आनंद दोगुना हो जाता है.

पहाड़ी पर प्राकृतिक जल स्त्रोत

समिति सदस्यों के मुताबिक पहाड़ी पर बनाए गए तालाब और गड्ढों में भरने वाला पानी सिर्फ पौधों को सींचने में ही काम नहीं आ रहे हैं बल्कि इसी पहाड़ी से थोड़ी दूरी पर स्थित ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध कुंडी भंडारा का जलस्तर भी बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं, करीब 400 से अधिक सालों से इस कुंडी भंडारे से पानी लगातार बह रहा है, यह विश्व की एकमात्र जीवित भूमिगत जल वितरण प्रणाली है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 10:26 PM IST

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