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दिव्यागं छात्र कुशल ने बढ़ाया स्कूल का मान, जल बचाओ निबंध लेखन में मिला नेशनल अवॉर्ड

कुशल की दुनिया अंधेरी है, लेकिन भविष्य को रोशन करने की कुशलता कूट-कूट कर भरी है. कुशल की दूरदर्शिता ने बिन आंखों के उस संकट को महसूस किया और उससे निपटने की योजना भी तैयार की, जबकि ज्यादातर लोग इस संकट के बारे में जान-सुन कर भी अनसुना और अनदेखा कर देते हैं. पानी के मूल्य पर लिखे निबंध में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है.

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कुशल की कुशलता

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Published : Mar 5, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 11:38 PM IST

बुरहानपुर। जिले के रास्तीपुरा स्थित मूक बधिर, अंध विद्यालय के दिव्यांग छात्र कुशल पाठक आंखों से तो देख नहीं पाता हैं. लेकिन कुशल ने अपने हुनर के दम पर पूरे जिले का नाम रोशन किया हैं. कुशल ने पानी बचाने का संदेश देने के लिए निबंध लिखा और नेशनल अवॉर्ड भी जीता. कुशल को पुरस्कार में 100 ग्राम की चांदी से बनी शील्ड, प्रमाण पत्र और ब्रेल लिपि के आंकड़ों वाली घड़ी मिली है.

दरअसल रिलायंस फाउंडेशन ने नेशनल हिंदी ब्रेल लिपि निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें छात्र कुशल ने पानी बचाओ विषय पर निबंध लिखकर कूरियर सेवा के माध्यम से फाउंडेशन को पहुंचाया था.

कुशल की कुशलता

कुशल ने निबंध में पानी सहेजने के फायदे और पानी का दुरुपयोग करने के नुकसान बताएं, साथ ही पानी बचाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, इस बात को भी अपने निबंध में बहुत अच्छे तरीके से समझाया है. इसके अलावा पानी के दुरुपयोग से भविष्य में क्या नुकसान भुगतना पड़ सकता हैं, इस बारे में जागरूकता का संदेश दिया, यही वजह है कि कुशल के निबंध को सराहा गया और प्रथम स्थान दिया गया.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कुशल पाठक ने बताया कि उसने जल बचाओ पर निबंध लिखकर भेजा था, इसमें उसने गिरते जल स्तर पर फोकस किया था. जिसमें प्रदेश, जिले सहित दिल्ली की स्थिति भी लिखी थी.

कुशल ने बताया कि उसने निबंध में लिखा था कि पानी बचाने के लिए हमें बहुत ज्यादा करने की जरूरत नहीं है, रोजमर्रा के जीवन में उपयोग करने के तरीके बदलकर पानी बचा सकते हैं, हम नहाने, कपड़े धोने सहित अन्य कामों के लिए कम पानी का उपयोग करें, बारिश का पानी सहेजने के लिए जमीन में उतारे ताकि जल बचाओ अभियान सार्थक हो.

वहीं स्कूल के प्राचार्य धर्मेंद्र कुमार भंडारी ने कहा कि छात्र को सम्मान मिला इससे वो काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. कई पालक ये सोचते है कि नेत्र बाधित नहीं पढ़ सकेंगे, लेकिन यह गलत सोच है. कुशल ने बुरहानपुर और स्कूल का नाम रोशन किया है.

Last Updated : Mar 5, 2020, 11:38 PM IST

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