बुरहानपुर।जिले के एक छोटे से गांव दापोरा के किसान के बेटे अमोल महाजन ने कमाल कर दिया. इस युवा ने देश के युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है. उन्होंने अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी की करोड़ों की नौकरी को ठुकराया. अमोल को ढाई करोड़ सालाना पैकेज का आफर मिला था लेकिन उन्होंने अपने गांव में केला की फसल में अपना भविष्य देखा. उन्होंने कृषि आधारित एग्रो कंपनी पर काम करना शुरू किया. शुरूआत में मुश्किलें भी आईं. लोगों के ताने भी सुनने को मिले, लेकिन अमोल अपने संकल्प पर डटे रहे. अमोल ने कठोर परिश्रम करके करोड़ों की एग्रो कंपनी खड़ी कर दी. उन्होंने ना केवल अपना भविष्य संवारा बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी दिया है. (Burhanpur youth Amol Mahajan)
बुरहानपुर के केलों की विदेश में धूम :अपनी इस कंपनी के माध्यम से अमोल ने बुरहानपुर के केले को विदेश में पहचान दिलाई. आज उनकी कंपनी के माध्यम से एक हजार से अधिक किसानों को रोजगार मिला है. उनके केले की फसल अरब देशों में निर्यात हो रही है. अमोल के केले का स्वाद अरब देशों में लोगों की जुबां पर चढ़ा और हर दिन डिमांड बढ़ती जा रही है. इस कंपनी में प्रत्यक्ष रूप से 500 और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. वह सरकार को लाखों रुपए का जीएसटी भी भुगतान कर रहे हैं.
खेती को लाभ का धंधा बनाया :अमोल ने बताया कि वह किसान परिवार से हैं. मन में पहले से ही कुछ अलग करने की सोच थी. हमारा देश कृषि प्रधान है. आजकल के युवाओं का कृषि क्षेत्र में रुझान नहीं है. इसलिए मैं अपनी माटी में रहकर देश को आगे बढ़ाना चाहता हूं. देश को पूरे विश्व में पहचान दिलाना चाहता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती को लाभ का धंधा बनाने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम व योजनाएं संचालित कर रहे हैं. जब किसान आर्थिक रूप से मजबूत होगा, तभी देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होंगी.