बुरहानपुर।बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित है भावसा डैम. इस डैम के भराव क्षेत्र में स्थित इमली और बरगद के पेड़ पर बीते 4 माह से 50 बंदर पानी के बीच फंस रहे. आपदा में फंसे बंदरों ने पत्ते और छाल खाकर दिन काटे लेकिन जब पत्ते व छाल भी खत्म हो गए तो भूख से बेहाल होकर 45 बंदरों की मौत हो गई. अब यहां शेष 5 बंदरों को बचाने के लिए वन विभाग जुटा है. ग्रामीणों का कहना है कि दोनों पेड़ों पर 50 बंदर थे. ग्रामीणों को कुछ मछुआरों ने बंदरों के फंसे होने की सूचना दी. monkeys stuck in Bhavsa Dam
4 दिन से रेस्क्यू जारी :अब डैम के बीच जिंदा बचे 5 बंदरों को निकालने का प्रयास वन विभाग बीते 4 दिन से कर रहा है. मंगलवार को दिनभर रेस्क्यू चलाया गया. बंदरों तक पहुंचने के लिए लकड़ी का एक ब्रिज बनाया गया, लेकिन बंदरों को बाहर नहीं निकाला जा सका. टीम ने बुधवार को फिर रेस्क्यू शुरू किया है. डैम के आसपास से लकड़ियां इकठ्ठी कर इसमें रस्सी बांधकर पुल बनाया. इसके बाद 4 बड़े ट्यूब से नाव बनाकर पानी में उतारी है.
डैम में कैसे फंसे बंदर :बताया जाता है कि शाहपुर में भावसा में डैम का काम चल रहा था. जुलाई माह में बारिश के दौरान अचानक इस डूब क्षेत्र में पानी भर गया. यहां पानी 15 से 20 फीट तक भर गया. यहां टापू पर करीब 50 बंदर एक पेड़ पर थे. अचानक चारों ओर पानी भरने से बंदर बाहर नहीं निकल सके. जिंदा रहने के लिए भूख से बेहाल बंदर पेड़ की पत्तियां खाकर संघर्ष करते रहे. जब पत्तियां खत्म हो गईं तो पेड़ की छाल खाकर बंदर जिंदगी की जद्दोजहद में लगे रहे. लेकिन इस दौरान भूख से बेहाल होकर 50 में से 45 बंदर मौत का शिकार हो गए.