बुरहानपुर। जिले में भीषण गर्मी से केले की खराब हो रही फसल को बचाने के लिए किसान कई जतन कर रहे थे, लेकिन अब बारिश के दौरान आंधी-तूफान किसानों के लिए आफत साबित हो रही है. जिले के करीब दर्जन भर से अधिक गांव आंधी-तूफान की चपेट में हैं, जिसके चलते केले की खेती करने वाले किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गयी. जिसके चलते एक बार फिर किसानों को सरकार से मुआवजे की आस बंध गई है.
बारिश में धुली किसानों की मेहनत, आंधी में उड़े सपने, जब आसमान से बरसी 'आफत' - बुरहानपुर
बुरहानपुर जिल में बारिश के दौरान आने वाली आंधी-तूफान किसानों के लिए आफत साबित हो रही है. जिले के करीब दर्जन भर से अधिक गांव में आंधी-तूफान के चलते केले की खेती करने वाले किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गयी.
जिले के निंबोला, बसाड़, उमरदा, सुखपुरी, खडकोद, बख्खारी सहित दर्जन भर गांवों के किसानों की केले की फसल गिर गई है, जिससे केला फसल लगाने वाले किसानों को लाखों रूपये का नुकसान हुआ है. अब तक गांव में किसानों की सुध लेने कोई भी अधिकारी या प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है. सुखपुरी गांव में भी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे किसान परेशान हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि बुरहानपुर केला उत्पादन के लिए जाना जाता है, जहां 20 हजार 300 हेक्टेयर में किसान केले की फसल लगाते हैं. जहां एक केले के पौधे लगाने में 100 रुपए खर्च और लगभग 18 महीने की मेहनत लगती है. इस तूफान में किसानों के करोड़ो रूपए का नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अमला किसी भी गांव में सर्वे करने तक नहीं पंहुचा है.