भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं में जितना मानसिक तनाव अपने कॅरियर को लेकर होता है, उतना ही यौन जिज्ञासाओं को लेकर भी है. भविष्य में क्या करना है, जॉब करें या बिजनस, किस विषय की पढ़ाई करें. अक्सर ऐसी बातें युवा दिमाग में तनाव पैदा करती है, लेकिन इसके साथ ही यौन जिज्ञासाएं भी युवाओं के मानसिक तनाव का प्रमुख कारण है. मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं मे 13 फीसदी युवा सैक्सुलिएटी परेशानियों से परेशान रहते हैं. यह चौांकने वाला आंकड़ा 104 कॉल सेंटर की तिमाही रिपोर्ट से सामने आई है.
खुलकर बात नहीं करते युवा: रिपोर्ट के मुताबिक काउंसलिंग के 29 फीसदी मामले कॅरियर से जुड़े होते हैं. वहीं 13 फीसदी काउसंलिंग सैक्स समस्याओं से संबंधित होती है. मामले में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राजेंद्र कुमार बैरागी बताते हैं कि हमारे देश में अब भी सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती. यही कारण है कि युवाओं के मन में सवाल और उलझन बनी रहती है. ओपीडी में आने वाले 10 में से दो मरीज सेक्स संबंधी सवाल या परेशानियों से जूझ रहे होते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि सेक्स एजुकेशन को लेकर भी माता-पिता अभी उतने जागरूक नहीं है, जिसका असर बच्चों पर पड़ता है.
मानसिक तनाव को लेकर भी सवाल:रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन महीने में 104 कॉल सेंटर के काउंसलर ने 822 कॉलर की काउंसलिंग की. इस दौरान टेंशन, डिप्रेशन और मनोचिकित्सा से जुड़े मामले भी सबसे ज्यादा आते हैं. लोग बीमारी, परिवार में लड़ाई, दोस्तों के साथ मनमुटाव और परीक्षा मे फैल हो जाने पर मानसिक रूप से टूट जाते हैं. इनसे निजात पाने के लिए कॉउंसलर का सहारा लेते हैं.