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Year Ending 2022 में दिखा MP का दम, 75 साल बाद लौटे चीते, मिली महाकाल लोक की सौगात

कैलेण्डर में दर्ज तारीखें ही नहीं बदली. महीना और साल ही नहीं गुज़र रहा. 2022 का ये साल इतिहास पर सुनहरी इबारत लिखकर दर्ज होते गुजर रहा है कि आने वाले कई कई बरस तक इतिहास की किताबों में 2022 के वो दिन और महीने जब मध्यप्रदेश ने देश दुनिया के फलक पर अलग अलग मायने में इतिहास रचा था, मौजूद रहेगा.

Year Endeing 2022
एमपी साल 2022 की उपलब्धि

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Published : Dec 23, 2022, 10:57 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 11:04 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में 2022 का साल कैसे एतिहासिक हुआ ये सवाल जहन में आते ही, आपको पालपूर कूनो की याद आ जाएगी. 70 साल बाद 2022 में वो मौका आया जब दक्षिण अफ्रीका के चीते भारत की भूमि में सीधे एमपी के पालपूर कूनो पहुंचाए गए. वहीं देश दुनिया की जिनमें आस्था उज्जैन नगरी में महाकाल लोक का लोकार्पण भी तो एक एहितासिक क्षण था. वो इतिहास भी 2022 में ही बना. आने वाली पीढ़ियों से जब पूछा जाएगा कि मेडिकल की पहली बार हिंदी में पढ़ाई की शुरुआत कब और कहां हुई तब भी एमपी के साथ 2022 का जिक्र आएगा. इसी साल के जाते जाते हिंदी के मान का भान कराता ये बड़ा फैसला भी हुआ कि मेडिकल की भी पढ़ाई हिंदी में होगी.

70 साल बाद लौटे चीते

सितम्बर 2022 जब 70 साल बाद भारत आए चीता: 17 सितम्बर 2022 को 70 साल बाद ये मौका आया था कि चीते भारत आ रहे थे. ऐतिहासिक बात केवल इतनी नहीं, बड़ी बात ये भी कि चीतों को नया बसेरा टाइगर स्टेट एमपी बना. यानि 2022 का साल मध्यप्रदेश में सौगात के लिहाज से अहम साबित हुआ. इस तरह के भविष्य में ये घटना ही नहीं ये दिन और साल भी खास तरह से दर्ज होगा. जब भी पूछा जाएगा कि 70 साल बाद पहली बार भारत में चीते किस प्रदेश में आए और किस तारीख को तो सितम्बर महीने के साथ मध्यप्रदेश के पालपूर कूनो पार्क का भी नाम आएगा. जहां ये चीते रखें गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद आठ चीतों को पालपूर कूनो में छोड़ा था. इस उम्मीद के साथ कि अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो एक्शन प्लान फॉर इंट्रोडक्शन ऑफ चीता इन इंडिया के तहत अफ्रीका से और चीते लाकर यहां छोड़े जाएंगे.

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2022 में काशी के बाद भारत के नक्शे पर महाकाल लोक भी: मध्यप्रदेश के लिए साल 2022 में 11 अक्टूबर की तारीख भी बहुत अहम है. एमपी जो अभी तक सत्ता की हैट्रिक बनाने के नाम पर इतिहास में दर्ज होता रहा. यहां 2022 में साल के आखिरी महीनों में अलग वजहों से इतिहास रचा जाता रहा. सितम्बर के बाद अक्टूबर भी ऐतिहासिक ही दर्ज हो रहा था. अक्टूबर महीने में प्रधानममंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया. करीब 856 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का पहला चरण करीब 350 करोड़ का रहा. इस फेज में कॉरीडोर 900 मीटर लंबा बनकर तैयार हुआ. इस कॉरीडोर में भगवान शिव के 190 रुपों का चित्रण है. देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी बनाई गई हैं. भगवान शिव देवी सती के साथ धार्मिक कथानक बताती करीब 200 के लगभग प्रतिमाएं हैं. यहां देश का पहला नाइट गार्डन भी तैयार किया गया है. गुजरता 2022 उज्जैन को महाकाल लोक के रुप में बड़ी सौगात देकर गया. जिसके लिए कहा जाता है कि महाकाल लोक के साथ महाकाल की नगरी उज्जैन फिर एक नई शुरुआत करने जा रही है, ये उज्जैन में एक नए युग का उद्भव है.

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16 अक्टूबर 2022 , हिंदी में शुरु हुई एमबीबीएस की पढ़ाई: समान्य ज्ञान के सवाल में भविष्य में जब ये पूछा जाएगा कि एमबीबीएस की हिंदी में पहली बार पढ़ाई किस राज्य में और कब शुरु हुई. जाते-जाते एक बड़ी सौगात एमपी को इस रुप में भी मिली. केन्द्रीय गृह मेंत्री अमित शाह ने एमबीबीएस कोर्स के लिए हिंदी में तैयार तीन पाठ्यपुस्तकों का अनावरण किया. इतिहास ये बना कि मध्यप्रदेश एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई हिंदी में करवाने वाला देश के पहला राज्य के तौर पर इतिहास में दर्ज हो गया. 16 अक्टूबर 2022 का दिन अब सामान्य ज्ञान की किताबों में एक अहम दिन के तौर पर दर्ज हो चुका है. ये इतिहास भी एमपी के खाते में गया है. इस दिन से देश में डॉक्टरी की पढाई भी हिंदी में शुरु हुई. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई.

Last Updated : Dec 23, 2022, 11:04 PM IST

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