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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस विधि से करें भगवान की पूजा, मनोकामना पूरी करेंगे कान्हा

आज देशभर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लगी, जो आज 12 अगस्त को सुबह 11 बजे तक रहेगी. अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समय के आधार पर कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत दो दिनों तक मनाया जाता है.

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Published : Aug 12, 2020, 11:29 AM IST

Updated : Aug 12, 2020, 12:22 PM IST

भोपाल। देशभर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप को भक्त पूजते है. शास्त्रों के मुताबिक श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन भक्त भगवान की मोहक झांकी तैयार कर कान्हा को झूला झूलाते हैं. इस बार अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लगी, जो आज 12 अगस्त को सुबह 11 बजे तक रहेगी. अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समय के आधार पर कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत दो दिनों तक मनाया जाता है.

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शुभ मुहूर्त

इस साल जन्माष्टमी 11, 12 और 13 अगस्त को मनाई जा रही है. अष्टमी की तिथि 11 अगस्त सुबह 9 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त को 11.16 बजे को समाप्त होगी. 11 अगस्त को भरणी नक्षत्र और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है. इसलिए इस साल दोनों ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है. जन्माष्टमी की पूजा रात 12 बजे के बाद ही की जाती है. आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती. भगवान को स्नान कराकर साफ वस्त्र पहनाए जाते हैं. कान्हा के लिए 56 प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं. गोपाल को माखन मिश्री बहुत पसंद हैं. भोग में माखन मिश्री, दही, दूध और मेवा आवश्यक रूप से रखना चाहिए.

Last Updated : Aug 12, 2020, 12:22 PM IST

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