भोपाल(Bhopal) । शतरंज के इतिहास में 12 साल, चार महीने और 25 दिन की उम्र में सबसे युवा ग्रैंडमास्टर (MP CHESS GRANDMASTER) बने अभिमन्यु मिश्रा(abhimanyu mishra) का भोपाल से खास नाता है . अभिमन्यु के दादा और दादी परिवार सहित भोपाल के कोलार क्षेत्र में रहते हैं.अभिमन्यु जब चार साल पहले भोपाल आए थे. तब दादाजी ने भविष्यवाणी की थी अभिमन्यु एक दिन इतिहास रचेगा.लेकिन इस होनहार खिलाड़ी के दादाजी की एक साल पहले ही कोरोना से मौत हो गई. अभिमन्यु की इस उपलब्धि को हासिल करते हुए भोपाल में रह रहे अभिमन्यु के परिवार ने टीवी पर गोल्डन मूवमेंट का लाइव देखा.
बुडापेस्ट में वेजरकेप्जो जीएम मिक्स टूर्नामेंट जीता अभिमन्यु का भोपाल से करीबी रिश्ता
30 जून को अभिमन्यु शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के युवा ग्रैंडमास्टर बन गए है. लेकिन अभिमन्यु की इस उपलब्धि का देखने के लिए अब इस खिलाड़ी के दादाजी जिंदा नहीं है. युवा खिलाड़ी जब चार साल पहले भोपाल आया था. तब खिलाड़ी के दादाजी ने भविष्यवाणी की थी अभिमन्यु एक दिन जरुर दुनिया में इतिहास रचेगा.
शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के युवा ग्रैंडमास्टर पिता ने भोपाल के मैनिट से की है पढ़ाई
अभिमन्यु मिश्रा के पिता हेमंत मिश्रा ने भोपाल के मैनिट से पढ़ाई है.जिसके बाद वो परिवार सहित अमेरिका के न्यू जर्सी चले गए थे.जिसके बाद कड़ी मेहनत से अभिमन्यु ने बुडापेस्ट में वेजरकेप्जो जीएम मिक्स टूर्नामेंट जीत कर इतिहास रच दिया.
अभिमन्यु ने टवीट कर जताया आभार
अभिमन्यु ने अपने दादाजी को याद किया और सभी को धन्यवाद भी दिया.उन्होंने कहा कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में इस जीत को हासिल करने के लिए सभी का शुक्रिया.
भारतीय मूल के अमेरिकी खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा ने रचा इतिहास
बुधवार को बुडापेस्ट में एक प्रतियोगिता के दौरान भारतीय मूल के अमेरिकी खिलाड़ी मिश्रा ने सर्जेई कर्जाकिन के रिकॉर्ड में सुधार किया जो 2002 में 12 साल और सात महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे.मिश्रा साथ ही सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर भी हैं. उन्होंने दो साल पहले बनाए भारत के आर प्रग्नानंद के रिकॉर्ड को तोड़ा. इसके बाद से उनका ध्यान ग्रैंडमास्टर बनने पर है.
कोच ने कही आगे भी बुलंदियां छूने की बात
मिश्रा के कोच ग्रैंडमास्टर अरूण प्रसाद ने कहा कि कड़ी मेहनत करने के कारण वो इसका हकदार था.अरूण ने कहा, "इस उपलब्धि के लिए अभि (अभिमन्यु) को बधाई. वो इस सफलता का पूरी तरह से हकदार है क्योंकि मैंने उसे कड़ी मेहनत करते हुए खुद देखा है. अभि को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए उसके पिता ने जो बलिदान दिया है उसके लिए वो भी तारीफ के हकदार हैं.मिश्रा के कोचों में शामिल ग्रैंडमास्टर मगेश पंचनाथन ने कहा कि मिश्रा कड़ी मेहनत करने वाला लड़का है और उसकी सफलता के पीछे उसके पिता (हेमंत) हैं.मगेश ने कहा, "मैंने जितने बच्चों को देखा है उसमें अभि सबसे कड़ी मेहनत करने वाले लड़कों में से एक है. उसने काम के प्रति लगन अपने पिता हेमंत से हासिल की है जो उनकी सफलता के पीछे के स्तंभों में से एक हैं."
युवा अभिमन्यु के कोचों ने कहा, वो ग्रैंडमास्टर बनने का हकदार था
मिश्रा की ट्रेनिंग में शामिल रहे चेन्नई के जाने माने कोच ने कहा
रबी रमेश ने कहा कि मिश्रा गणना करने में काफी तेज है और उसके पास विचारों की कोई कमी नहीं है.मिश्रा ने बुडापेस्ट में बुधवार को वेजरकेपजो ग्रैंडमास्टर मिश्रित टूर्नामेंट के नौवें दौर में भारत के ग्रैंडमास्टर लियोन ल्यूक मेनडोंका को हराकर कर्जाकिन का रिकॉर्ड तोड़ा.मिश्रा के कोच अरूण और मगेश चेन्नई के ग्रैंडमास्टर हैं और अब अमेरिका में रहते हैं.न्यू जर्सी के रहने वाले मिश्रा ने नवंबर 2019 में 10 साल, नौ महीने और 20 दिन की उम्र में सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने की उपलब्धि भी हासिल की थी.
अबतक के सबसे कम उम्र के भारतीय युवा ग्रैंडमास्टर
गुकेश डी एक भारतीयशतरंज ग्रैंडमास्टर हैं . वह "ग्रैंडमास्टर" खिताब हासिल करने वाले इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी है. सर्गेई कर्याकिन को हराकर गुकेश इतिहास में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बनने की कगार पर थे, लेकिन एक महीने से भी कम समय में यह रिकॉर्ड बनाने से चूक गए.वह 12 साल, 7 महीने और 17 दिनों की उम्र में 15 जनवरी, 2019 को इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने. परिमार्जन नेगी ने भी 13 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के युवा ग्रैंडमास्टर बने थे.आर. प्रज्ञानानंद भी 12 साल की उम्र में सबसे युवा ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम कर चुके है. सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंड मास्टर्स की शीर्ष 10 सूची में 3 भारतीय लड़के शामिल हैं.और अब इस लिस्ट में अभिमन्यु का नाम भी जुड़ चुका है.
शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन ने की तारीफ
वर्ल्ड फेमस शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथनंद ने भी टवीट कर अभिमन्यु की इस उपलब्धि की तारीफ की है.