भोपाल।बचपन से खेल और एडवेंचर लाइफ जीने वाली मालती पांच साल पहले डिप्रेशन में चली गई थीं. दो बार सुसाइड की कोशिश की, फिर दोस्त के कहने पर योग को अपनाया और अब खुद को फिट रखने के साथ 60 प्लस वाले बुजुर्गाें को भी सीख दे रही हैं. आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. मालती ने कहा कि "60 की उम्र के बाद जीवन को जीना बेहद मुश्किल हो जाता है. कई बार लगातार बीमारियों से घिरे रहने के कारण डिप्रेशन बढ़ता है. मेरे जीवन में भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन योग मेरे काम आया और अब मैं 60 प्लस या उसके करीबी उम्र वालों के लिए कुछ प्रयास कर रही हूं."
World Yoga Day 2023: दो बार सुसाइड का प्रयास करने वाली मालती का योग ने बदला जीवन, 60 प्लस के लिए बताया खास योग
60 साल से अधिक उम्र होने पर व्यक्ति रिटायर माना जाता है. इस उम्र में अधिकांश लोग घर पर बैठ जाते हैं और कुछ नया करने की चाह छोड़ देते हैं. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो ये खबर आपके भीतर नया जोश भर देगी. आपको मिलवाते हैं भोपाल की 62 साल की बुजुर्ग मालती से... मालती ने योग अपनाकर समाज के लिए नजीर बन गईं.
योग अपनाकर मालती समाज के लिए बनीं नजीर: मालती ने योग से बीमारियों को न केवल मात दी, बल्कि एक नजीर भी बन गईं. वे योग दिवस पर ईटीवी भारत एमपी के स्टूडियो में आईं और खास बातचीत करने के साथ उन्होंने 60 प्ल्स के बुजुर्गों के लिए कई खास योग बताए. उन्होंने बताया कि बचपन स्पोर्टस के बीच रहा, लेकिन कम उम्र में शादी हो गई. ससुराल आने के बाद चूल्हे चौके तक सिमटकर रह गई. इससे डिप्रेशन बढ़ा और 30 प्लस के बाद खासी दिक्कतें होने लगी. एक बार चोट लगने से सर्वाइकल की समस्या शुरू हो गई. पूरे समय बिस्तर पर पड़ी रहती थी. डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि अब शायद ही चल फिर पाऊं. लेटे-लेटे डिप्रेशन इतना बढ़ गया कि दो बार सुसाइड की कोशिश की. इस बीच मेरी एक दोस्त ने मुझे योग से जुड़ने की सलाह दी और मैंने चक्रासन से शुरूआत की. सोचा कि गिरुंगी तो बिस्तर पर ही न. धीरे-धीरे खुद पर भरोसा होने लगा और 5 ऑपरेशन हुए, लेकिन योग के कारण अब पूरे साल में एक या दो बार ही डॉक्टर के पास जाना पड़ता है.
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महाकाल के दर्शन करने साइकिल से गईं:"साल 2019 में मैंने साइकिल ली और इसके बाद सीहोर समेत आसपास की लोकेशन तक मैंने साइकिलिंग की. बीते साल 19 नवंबर को भोपाल से महाकाल उज्जैन तक साइकिल से यात्रा की. अभी मैं लोगों को योग के फायदे समझाने का काम कर रही हूं. छोटे-छोटे आसन बुजुर्गों को बताती हूं, ताकि उन्हें आसानी हो." मालती कोसर्वाइकल की समस्या हुई थी, जिसके बाद उन्होंने योग को अपनाकर समाज के लिए नजीर बन गईं. आइए यहां जानते हैं कि सर्वाइकल क्या है ? डॉक्टर्स के मुताबिक, सर्वाइकल का दर्द गर्दन से शुरू होकर पीठ तक पहुंच सकता है. इसके अलावा शरीर के और भी हिस्सों में हो सकता है. गर्दन में अकड़न की समस्या सर्वाइकल का सबसे पहला लक्षण माना जाता है. यह दर्द कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकता है. जब हालात गंभीर हो जाते हैं, तो यह परेशानी सालों तक भी देखने को मिलती है.सर्वाइकल कैंसर खतरनाक होता है. क्योंकि कई बार इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और अगर इसका पता नहीं चला तो यह जानलेवा हो सकता है.