भोपाल/उमरिया। देश में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं. पिछले साल से हम कर्नाटक को पछाड़कर टाइगर स्टेट बने थे, लेकिन टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा. मध्य प्रदेश वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल अभी तक के केन्द्र से राशि नहीं आई है. 5 महीने पहले केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें से अभी तक कोई भी राशि स्वीकृत नहीं हुई है. पन्ना, संजय डुबरी और बांधवगढ़ नेशनल पार्क को पिछले साल के बजट की दूसरी किस्त भी नहीं मिली है.
एमपी में 6 टाइगर रिजर्व: प्रदेश में छह राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, संजय डुबरी और सतपुड़ा हैं. एक अनुमान के अनुसार, हर साल प्रत्येक टाइगर रिजर्व के लिए औसतन 25 करोड़ की जरूरत है, लेकिन 5-6 करोड़ रुपये ही मिल रहे हैं. पिछले साल विभाग ने करीब 125 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था, लेकिन 79 करोड़ रुपये ही मंजूर हुए.
एमपी फिर देश का टाइगर स्टेट होगा:एमपी में 710 के आसपास टाइगर हो गए हैं, जो सबसे ज्यादा है. जबकि उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिलना तय है. केंद्र सरकार शनिवार को बाघ गणना 2022 की विस्तृत रिपोर्ट जारी कर रही है. हर चार साल में होने वाली गणना में इस बार कई नई तकनीक का प्रयोग किया गया. सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्य मुकाबला है. इसमें मध्य प्रदेश में 710 से अधिक बाघ होना लगभग तय है, जो देश के राज्यों में सबसे अधिक होंगे. पिछले साल प्रदेश ने कड़े मुकाबले में कर्नाटक को 2 बाघ होने से पछाड़ा था. कर्नाटक में 524 पाए गए थे.